इंटरनेट पर वायरल होती विडियोज़ और खबरों से अब तक मालूम चल चुका है कि देश में मुस्लिम समुदाय के अधिकाँश लोग हालातों से वाकिफ होने के बाद भी इसे लेकर गंभीर नहीं है। हर ओर से आती खबरें बता रही है कि मस्जिद में नमाज अता करने से लेकर बसों में बैठकर थूकने तक मुस्लिम समुदाय इस बात को लेकर आश्वस्त है कि ये गंभीर बीमारी उन्हें अपने चंगुल में नहीं जकड़ेगी। शायद इसलिए इसे अब उन्होंने सीएए और एनआरसी से जोड़कर टिकटॉक ट्रेंड भी बना दिया है। साथ ही इसका स्वागत भारत में कर रहे हैं।
इन कट्टरपंथियों ने कोरोना वायरस को लेकर कुछ विडियोज बनाई है। इनमें ये सभी एक ऑडियो के ऊपर चीन से आए कोरोना वायरस का भारत में स्वागत कर रहे हैं। टिकटॉक ट्रेंड होती इस तरह की विडियो में कई हिजाब वाली लड़कियाँ हैं। जो इस ऑडियो के साथ कहती हैं- “भारत में तुम्हारा स्वागत है, कोरोना वायरस। हमसे नागरिकता का सवाल माँगने वालों… अब रब की एनआरसी लागू हो गई है। अब वही फैसला करके कि कौन रहेगा और कौन जाएगा।”
गौरतलब है कि एनआरसी जिसका हिंदी मतलब – राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर होता है, उसे लेकर पिछले दिनों देश में समुदाय विशेष के लोगों ने बहुत आपत्ति जताई थी और इसे अपने समुदाय के ख़िलाफ़ तक बताया था। मगर, वास्तविकता में ये एक ऐसा रजिस्टर है, जिसमें राष्ट्र के वैध नागरिकों का ब्यौरा दर्ज होता। इसलिए यह कहना गलत नहीं है कि उनका ये विरोध निरर्थक था और अब इसे लेकर चलाया गया ये TikTok ट्रेंड हास्यास्पद।
इस TikTok ट्रेंड पर बनाए गए दर्जनों विडियो इस बात का सबूत है कि इन लोगों को संवेदनशील माहौल में भी अपने मजहब का प्रचार करना है। कोरोना को भगाने की दुआ करने की जगह उसका स्वागत करना है। टिकटॉक पर इस ट्रेंड पर विडियो बनाने वालों में कई लोगों ने अपने डिस्प्ले पिक्चर पर नो एनआरसीसी की फोटो लगा रखी है।
इसके अलावा कई कट्टरपंथियों ने मौलाना मोहम्मद साद की फोटो लगा लगाकर भी विडियो बनाई है और दावे कर रहे हैं कि तबलीगी जमात में जाने वाले लोगों में से किसी को भी कोरोना नहीं है और वे अपने जीवन के अंतिम समय तक निजामुद्दीन मरकज़ का समर्थन करेंगे। इसके अलावा इस प्लेटफॉर्म पर इस्लामिक कट्टरपंथी नरेंद्र मोदी और अमित शाह के लिए भी अपनी नफरत निकाल रहे हैं।