Monday, December 23, 2024
Homeसोशल ट्रेंड'बाप का पैसा डिग्री खरीद सकता है, तमीज नहीं' - यूक्रेन से रेस्क्यू किए...

‘बाप का पैसा डिग्री खरीद सकता है, तमीज नहीं’ – यूक्रेन से रेस्क्यू किए गए छात्रों ने उड़ाया स्थिति का मजाक, वीडियो देख नेटीजन्स भड़के

एक यूजर ने कहा कि ऐसे बच्चे रेस्क्यू के लायक हैं क्या? इन्हें अकेले छोड़ दो तब समझ आएगा यूक्रेन के लोग किस दर्द से गुजर रहे हैं। अगर आप सुरक्षित हैं तो इसका मतलब ये नहीं आप मजाक उड़ाएँगे।

रूस-यूक्रेन विवाद के बीच भारत सरकार लगातार यूक्रेन से भारतीय छात्रों को सकुशल भारत लाने की कोशिशों में जुटी है। हाल में यूक्रेन से 219 भारतीयों को निकाला गया है। इस बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आई है। वीडियो में कुछ छात्र हैं, जो न केवल यूक्रेन के हालातों का मजाक उड़ा रहे हैं बल्कि इन्हें देखकर लगता है कि सरकार ने जो इन्हें लाने के लिए जोर लगाया उसकी कद्र भी इन्हें नहीं है।

वीडियो में देख सकते हैं कि कैसे मजाक उड़ाने के अंदाज में ये लोग बचा लो- बचा लो कह कर तेज-तेज हँस रहे हैं। वीडियो में लड़की बताती है कि वो पोलैंड जा रहे हैं। तभी पीछे से बचा लीजिए-बचा लीजिए-बचा लीजिए-बचा लीजिए कहते हुए सारे छात्र मजाक करके हँसने लगते हैं। एक कहता है- ‘हम टीएनएम के स्टूडेंट है सर।’ लड़की कहती है- ‘नो पैनिक प्लीज-नो पैनिक’ और फिर सब हँसते हैं।

अब इस वीडियो को जगह जगह शेयर किया जा रहा है। वीडियो को आनंद रंगनाथन ने शेयर करते हुए कहा, “इनके माँ-बाप इधर उधर दौड़ रहे हैं। इनकी सरकार इन्हें सुरक्षित उड़ानों के साथ निकाल रही है, इनके राजदूत इनके लिए वाहनों का इंतजाम कर रहे हैं और एक ये हैं। सबके प्रयासों का मजाक उड़ा रहे हैं। घिनौने।”

एक यूजर लिखता है, “बाप का पैसा डिग्री खरीद सकता है अयोग्य बच्चे के लिए। लेकिन तमीज नहीं खरीदी जा सकती।”

गौतम गोवितरिकर लिखते हैं, “ये देखना बेहद दुख हैं कि ऐसे छात्र इतनी बेवकूफी वाली हरकत करते हैं वो भी तब जब उनके देश ने सिर्फ उनके पासपोर्ट की वजह से उन्हें बचाया। कृपया ऐसे राष्ट्र जाएँ जो आपसे अपना ख्याल खुद रखने को कहे तब ऐसे मजाक करना।”

एक यूजर ने कहा कि ऐसे बच्चे रेस्क्यू के लायक हैं क्या? इन्हें अकेले छोड़ दो तब समझ आएगा यूक्रेन के लोग किस दर्द से गुजर रहे हैं। अगर आप सुरक्षित हैं तो इसका मतलब ये नहीं आप मजाक उड़ाएँगे।

अविनाश श्रीवास्तव लिखते हैं, “भारत यूक्रेन में फँसे स्टूडेंट्स को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। पहले स्टूडेंट्स ये रोना भी रो रहे थे कि इंडियन गवर्नमेंट कुछ नही कर रही। अब कुछ स्टूडेंट्स वापसी कन्फर्म हो जाने पर अब India के प्रयासों का मज़ाक उड़ा रहे है। ये कैसे संस्कार है? ये कैसा दोगलापन है?”

भारतीयों को यूक्रेन से निकालने में भारत के प्रयास

गौरतलब है कि यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के प्रयासों के बीच विदेशी मंत्री का बयान आया है। उन्होंने कहा, “यूक्रेन से निकाले गए 219 भारतीयों के साथ पहली उड़ान रोमानिया से मुंबई के लिए रवाना हुई। हमारी टीमें 24 घंटे काम कर रही हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से इसकी निगरानी कर रहा हूँ।”

इधर, रोमानिया में भारतीय राजदूत राहुल श्रीवास्तव ने भी विमान के अंदर का एक वीडियो जारी करते हुए कहा- “भारत सरकार यूक्रेन में फँसे हर व्यक्ति को भारत लाने के लिए दिन-रात लगी हुई है। हमारा यह मिशन तब तक नहीं रुकेगा, जब तक अंतिम व्यक्ति को रेस्क्यू नहीं किया जाएगा। आप सभी अपनी जिंदगी में 26 फरवरी का ये दिन हमेशा के लिए याद कर लीजिए।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -