“एक व्यक्ति को सिर्फ गवाही के आधार पर आरोपित नहीं बना दिया जाता है। हमारे पास लगाए गए आरोपों के अतिरिक्त तमाम ऐसे सबूत हैं जिनके आधार पर हम अपनी कार्रवाई आगे बढ़ा रहे हैं।”
मदरसों में छात्रों के साथ खिलवाड़ हो रहा है। कोरोना जैसी महामारी के बीच उन्हें जानवरों की तरह रखा जा रहा है। लेकिन वामपंथी कविता कृष्णन चाहती हैं कि मदरसों की इस हरकत पर मीडिया चुप्पी साध ले और बच्चों को मरने दे।
कविता कृष्णन ने साहिल का नाम देखा और उसे मुस्लिम समझकर प्रोपेगेंडा फैलाना शुरू कर दिया। इसके बाद कई लोगों ने कविता कृष्णन की खिंचाई करते हुए खबरों की पुष्टि कर लेने की नसीहत दी।
वामपंथियों की जड़ें कितनी गहरी हैं, स्क्रीनशॉट्स में इसकी भी नज़ीर है। कविता कृष्णन पूर्व-सैन्यकर्मी कपिल काक के बारे में बात करतीं नज़र आतीं हैं। वायुसेना के पूर्व उप-प्रमुख यह वामपंथी प्रोपेगंडा फैलाते नज़र आते हैं कि कैसे भारत ने कश्मीर की आशाओं पर खरा उतरने में असफलता पाई है, न कि कश्मीर ने भारत की