सिंधिया के नए ट्विटर बॉयो में उनके कॉन्ग्रेस से जुड़े होने का कोई संकेत नहीं है। इससे पहले, उनके प्रोफाइल में गुना से 2002-2019 तक सांसद रहने का जिक्र था। साथ ही उन महकमों का भी जिक्र था जिसकी जिम्मेदारी मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान उन्होंने सॅंभाली थी।
सिंधिया ने अब राज्य सरकार की ट्रांसफर और पोस्टिंग पर सवाल उठाए हैं। सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “ट्रांसफर- पोस्टिंग का क्या हाल है वो तो सब जानते ही हैं। मैं आपसे ये कहूँगा कि आप काम पर ध्यान दें।”
मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने सिंधिया को कॉन्ग्रेस छोड़ने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि कॉन्ग्रेस ने सत्ता में आने के 10 दिन के भीतर कर्ज माफी का वादा किया था। इस मसले पर हाल ही में ज्योतिरादित्य ने राज्य सरकार को घेरा था।
"मैं आपके बीच किसी राजनेता के रूप में नहीं, बल्कि आपके परिवार के सदस्य होने के नाते आया हूँ। मैं आपको पूर्ण विश्वास दिलाता हूँ, आपके हक और न्याय की लड़ाई ज्योतिरादित्य सिंधिया लड़ेगा। फसल हानि के साथ जनहानि हो, पशुधन हानि हो, या मकान की हानि हो। हर एक व्यक्ति को पूर्ण रूप से मुआवजा दिलाना ही मेरा लक्ष्य रहेगा।”
एक ओर दिग्विजय सिंह ने सिंघर के साथ किसी सीधे संघर्ष से इंकार किया है। प्रदेश कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल ने सिंघर पर भाजपा एजेंट होने का आरोप लगाया और छवि धूमिल करने के लिए उनके निलंबन की माँग की है।