पिछले दिनों जॉंच में नमृता के कपड़ों और शरीर पर किसी पुरुष डीएनए के सैंपल मिलने की बात सामने आई थी। आखिरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने भी उसकी हत्या किए जाने की बात पर मुहर लगा दी है।
जिन हिंदुओं ने भारत की ओर देखकर जीवन की आस लगाई, भाग कर आए और शरणार्थी बने, आज उन्हीं का भविष्य खतरे में है। एनजीटी ने दिल्ली में यमुना के किनारे बनी झुग्गियों और अर्ध स्थायी संरचनाओं पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
केजरीवाल सरकार के वकील चाहते थे कि जज इस फैसले को इंसानियत के आधार पर लिया फैसला बताएँ। लेकिन बच्चों के अधिकार की लड़ाई लड़ रहे वकील अशोक अग्रवाल ने कहा, "कौन सी इंसानियत? हम भिखारी नहीं हैं, हम अपने अधिकारों की माँग कर रहे हैं।"
जिन्हें अपने देश भारत के कानून इतने दमनकारी लगते हैं कि लैला जैसी डिस्टोपिया बनाकर वह मुस्लिमों की प्रताड़ना दिखाना चाहते हैं, उन्हें केवल एक हफ़्ते पाकिस्तान में बिता कर आना चाहिए। आपके हिन्दूफ़ोबिक यूटोपिया जितना तो अच्छा नहीं है, लेकिन वैसे हिंदुस्तान का लोकतंत्र काफी अच्छा है...