योगेन्द्र यादव द्वारा किया गया मंडी शुल्क का ज़िक्र दिखाता है कि उन्हें कृषि क्षेत्र के मुद्दों पर कोई जानकारी नहीं है। इसके बाद तमाम लोगों ने ट्विटर पर उन्हें बताया कि अगर टैक्स कम इकट्ठा हुआ है इसका मतलब यह हुआ कि किसानों को कम टैक्स देना पड़ रहा है।
रवनीत सिंह बिट्टू ने संसद में बताया कि 26 जनवरी वाली हिंसा के पीछे योगेंद्र यादव है। उन्होंने कहा ये आदमी 2018 तक इस बिल के समर्थन में था और आज सबसे ज्यादा आग लगाने वाला ये आदमी है।
'देशद्रोही' योगेन्द्र यादव को उनकी सोसायटी के लोग कथित तौर पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के कारण सोसायटी से बाहर निकालने के लिए सड़क पर उतर आए हैं।
राजधानी में हुई हिंसा के बाद एक्शन मोड में आई दिल्ली पुलिस ने 37 नेताओं पर एफआईआर दर्ज की है। इनमें राकेश टिकैत, डाॅ दर्शनपाल, जोगिंदर सिंह, बूटा, बलवीर सिंह राजेवाल और राजेंद्र सिंह के नाम शामिल हैं।
एक बार फिर योगेंद्र यादव ने शनिवार को हरियाणा और राजस्थान के स्थानीय ग्रामीणों को मोदी सरकार के खिलाफ तथाकथित विरोध में शामिल होने के लिए उकसाने का प्रयास किया।
“23 जनवरी को हम विभिन्न राज्यों में राज्यपालों के घरों की ओर मार्च निकालेंगे और अगर सरकार के साथ बैठक में कोई ठोस हल नहीं निकला तो आने वाली 26 जनवरी को दिल्ली में 'ट्रैक्टर किसान परेड' आयोजित की जाएगी।”
विफल राजनेता और पेशेवर प्रदर्शनकारी योगेंद्र यादव पंजाब के किसानों के विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि बंद के दौरान आवश्यक वस्तुओं के वितरण की भी अनुमति नहीं होगी।
बातचीत में शामिल प्रतिनिधिमंडल में स्वराज पार्टी (Swaraj Party) के नेता योगेन्द्र यादव (Yogendra yadav) का भी नाम था। मगर बाद में केंद्र सरकार के ऐतराज के बाद उनका नाम हटा दिया गया।