विश्वेन्द्र सिंह द्वारा जैसे ही गहलोत खेमे से समझौते की खबर आई, उनके घर में भी कलह शुरू हो गई। बेटे के हमले के बाद उन्हें पायलट से मुलाकात करनी पड़ी। गहलोत कैम्प भी सक्रिय हो गया है और दंड-भेद से विधायकों को तोड़ा जा रहा है।
"इस निर्दोष को प्यास ने नहीं... नकारा गहलोत सरकार ने मार डाला जिसने अपनी राजनीति से राज्य को भूख, प्यास, अपराध, बेरोजगारी और माफियाओं की जमीन में बदल दिया है।"
"जिन वायलों को कचरे की पेटी से बरामद किया गया था उनमें बैच नंबर के साथ ही उसे लगाने की तारीख भी दर्ज है। जो वायल्स कचरे के ढेर से मिले थे वो 20-75 फीसदी भरे थे।"