Monday, November 18, 2024

विषय

अफगानिस्तान

अफगानिस्तान में हुई बमबारी में 35 तालिबानियों की मौत, कई पहुँचे अस्पताल: IS ने ली जिम्मेदारी

अफगानिस्तान में तालिबानियों के घुसने के बाद से नंगरहार( जो पाकिस्तान की सीमा में है) एकमात्र ऐसा प्रांत है जहाँ तालिबान को आईएस द्वारा निशाना बनाया जा रहा है।

काबुल के राष्ट्रपति भवन में लत्तम-जूत्तम: डिप्टी PM मुल्ला बरादर पर चले लात-घूसे, हक्कानी गुट ने तालिबान की बैंड बजाई

अफगानिस्तान के तालिबानी शासन में पड़ी फूट। उप-प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को हक्कानी गुट के कमांडर ने लात-घूँसे से पीटा।

अफगानी लड़का, फरीदाबाद कॉलेज में एडमिशन… R&AW+CIA की प्लानिंग… और मारे गए थे 600 आतंकी

अमेरिका ने ड्रोन अटैक के जरिए अफगानिस्तान में चल रहे आतंकी ट्रेनिंग कैम्प पर हमला किया और 600 से ज्यादा आतंकी मार गिराए गए थे।

‘उन्हें सिर्फ बच्चे पैदा करना चाहिए’: तालिबान का ‘महिला मंत्रालय’, जहाँ महिलाओं के ही घुसने पर होगा बैन

अफगानिस्तान में केयरटेकर सरकार बनाने के बाद अब तालिबान ने महिला मामलों के मंत्रालय में भी महिलाओं की एंट्री पर रोक लगा दिया है।

महीने भर में टूट रही तालिबान सरकार, 1-2 साल में US पर हमला करेगा ‘ताकतवर’ अलकायदा, बेस होगा अफगानिस्तान

शासन होते ही हक्कानी ग्रुप और मुल्ला बरादर आमने-सामने। दोनों की लड़ाई इस बात को लेकर कि आखिर किसके प्रयासों से वह अफगानिस्तान में जीते।

हिजाब, बुर्का हमारी संस्कृति नहीं: तालिबानी फरमान के विरोध में आगे आईं अफगान महिलाएँ, शेयर की पारंपरिक परिधानों की तस्वीरें

देश के विभिन्न हिस्सों में प्रचलित पारंपरिक अफगान पोशाक के साथ ट्वीट करते हुए सैकड़ों महिलाएँ तेजी से इस अभियान में शामिल हुईं।

जिंदा है तालिबानी ‘नेता’ मुल्ला बरादर, ऑडियो जारी कर कहा- ‘मैं पूरी तरह सुरक्षित, उड़ाई गई मौत की अफवाह’

तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने सोमवार को अपनी मौत की अफवाहों का खंडन करने के लिए एक ऑडियो टेप जारी किया।

‘तालिबानियों को मुझे जिंदा मत ले जाने देना, मेरे सिर में गोली मार देना’ – अफगान पॉप स्टार आर्यना सईद ने अपने मंगेतर से...

''दुनिया भर की सरकारों को यह समझना चाहिए कि तालिबान आज भी वही है, दुनिया को एहसास होगा कि यह बदला हुआ या नया तालिबान नहीं है।''

तालिबान 2.0: पाकिस्तान की कठपुतली या वो खुद शिकार, जिनके लिए हैं दफ्तरों में काम करने वाली औरतें ‘वेश्या’

अफ़ग़ानिस्तान को एक नई तालिबानी सरकार नहीं मिली, बल्कि 20 साल पहले के तालिबान अपने दुर्दांत रूप में फिर से काबुल में काबिज़ हो गए हैं।

पहले कोड़े मारे, फिर गला रेता: अमरुल्लाह सालेह के भाई को तालिबान ने तड़पा-तड़पाकर मारा

इस हत्या की तालिबान ने अब तक कोई जिम्मेदारी नहीं ली है। वहीं अमरुल्लाह सालेह की ओर से भी इस पर प्रतिक्रिया आनी शेष है।

ताज़ा ख़बरें

प्रचलित ख़बरें