Saturday, July 27, 2024
Homeसोशल ट्रेंडहिजाब, बुर्का हमारी संस्कृति नहीं: तालिबानी फरमान के विरोध में आगे आईं अफगान महिलाएँ,...

हिजाब, बुर्का हमारी संस्कृति नहीं: तालिबानी फरमान के विरोध में आगे आईं अफगान महिलाएँ, शेयर की पारंपरिक परिधानों की तस्वीरें

तालिबान द्वारा छात्राओं के लिए नए ड्रेस कोड के विरोध में दुनिया भर से अफगान महिलाओं ने एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया है। वे तालिबान द्वारा प्रचारित इस्लाम के खिलाफ अपनी संस्कृति को पूरी दुनिया के सामने ला रही हैं। वह लिख रही हैं कि तालिबान के शासन में जो किया जा रहा है वह 'हमारी संस्कृति नहीं' है।

अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने के बाद से महिलाओं पर लगातार अत्याचार जारी हैं। तालिबान ने अपनी छवि बदलने का दिखावा करते हुए कहा था कि वह महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण करेगा, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। तालिबानी महिलाओं से किया गया वादा तोड़ रहे हैं, उन्हें बुर्के में रहने को मजबूर किया जा रहा है। यहाँ तक कि महिलाओं पर सरे आम कोड़े बरसाए जा रहे हैं। इसको लेकर अफगान महिलाओं ने सोशल मीडिया पर तालिबान के खिलाफ अभियान शुरू किया है।

बुर्का और हिजाब पहनने के लिए तालिबान के आदेश का विरोध करने के लिए अफगान महिलाएँ अपने पारंपरिक परिधानों में खुद की तस्वीरें ट्वीट कर रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान द्वारा छात्राओं के लिए नए ड्रेस कोड के विरोध में दुनिया भर से अफगान महिलाओं ने एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया है। वे तालिबान द्वारा प्रचारित इस्लाम के खिलाफ अपनी संस्कृति को पूरी दुनिया के सामने ला रही हैं। वह लिख रही हैं कि तालिबान के शासन में जो किया जा रहा है वह ‘हमारी संस्कृति नहीं’ है। वे रंगीन पारंपरिक अफगान पोशाक पहने हुए खुद की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रही हैं।

अफगानिस्तान में अमेरिकी विश्वविद्यालय की इतिहास की पूर्व प्रोफेसर डॉ. बहार जलाली द्वारा शुरू किए गए अभियान में सैकड़ों महिलाएँ बिना हिजाब पहने अपनी तस्वीरें #DoNotTouchMyClothes और #AfghanistanCulture जैसे हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कर रही हैं।

जलील ने भी सुंदर गहरे हरे रंग की पोशाक पहने हुए एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया, “मैं दुनिया भर में अफगान नागरिकों को अफगान संस्कृति की सुंदरता साझा करने के लिए प्रोत्साहित करती हूँ। आज अफगान राष्ट्र और उसकी पहचान को विदेशी आतंकवादियों द्वारा क्रूर हमले का सामना करना पड़ रहा है, इन्होंने हमारी धरती को बंधक बना लिया है और हमारे लोगों पर विदेशी संस्कृति थोप रहे हैं।”

देश के विभिन्न हिस्सों में प्रचलित पारंपरिक अफगान पोशाक के साथ ट्वीट करते हुए सैकड़ों महिलाएँ तेजी से इस अभियान में शामिल हुईं। इस दौरान कुछ सिर के आभूषण पहने हुए भी दिखाई दीं, जबकि अन्य ने लंबे कुर्ते पहने थे, ये बेहद खूबसूरत थे। महिलाओं ने कहा कि ये हमारी संस्कृति का हिस्सा है। उनमें से लगभग सभी ने हिजाब पहनने की बात से इनकार किया और कहा कि हिजाब कभी भी उनकी संस्कृति का हिस्सा नहीं था।

बता दें कि हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें दो शख्स महिला पर कोड़े बरसाते नजर आ रहे थे और उनके चीखने की आवाज सुनाई दे रही है। सामने गाड़ी होने की वजह से यह बता पाना मुश्किल था कि इस बर्बरता का शिकार कौन हो रहा है।

हालाँकि, यह दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो अफगानिस्तान का है। NRF (national resistance front) से जुड़ी खबरों को ट्विटर पर शेयर करने वाले पेज Panjshir_Province ने यह वीडियो शेयर किया है। इसमें तालिबान लड़ाकों द्वारा एक महिला को कोड़े मारते दिखाया जा रहा है। पेज पर लिखा गया, “यह बर्बर है। तालिबान एक महिला को बेरहमी से कोड़े मार रहा है, जबकि वह बेबस होकर चिल्ला रही है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

एस-400 ‘सुदर्शन’ का दिखा दम: दुश्मनों के हमलावर ‘पैकेज’ का 80% हिस्सा किया साफ, IAF हुई और भी ताकतवर

भारतीय वायुसेना ने अपने एस-400 हवाई रक्षा प्रणाली का नाम पौराणिक संदर्भ में 'सुदर्शन' रखा है।

पुलिस ने की सिर्फ पूछताछ, गिरफ्तार नहीं: हज पर मुस्लिम महिलाओं के यौन शोषण की आवाज उठाने वाले दीपक शर्मा पर कट्टर इस्लामी फैला...

दीपक शर्मा कहते हैं कि उन्होंने हज पर महिलाओं के साथ होते व्यवहार पर जो ट्वीट किया, वो तथ्यों पर आधारित है। उन्होंने पुलिस को भी यही बताया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -