रामलला, रामरथी के बाद अब कारसेवक की बारी: जानिए कौन हैं अजित गोपछडे, कभी ऑटो ड्राइवर रहे मयंक नायक भी जाएँगे राज्यसभा
भाजपा ने राज्यसभा के लिए महाराष्ट्र से कारसेवक रहे अजित गोपछडे और गुजरात से मयंक नायक को उम्मीदवार बनाया है।
भाजपा ने राज्यसभा के लिए महाराष्ट्र से कारसेवक रहे अजित गोपछडे और गुजरात से मयंक नायक को उम्मीदवार बनाया है।
प्रभु श्रीराम को उनका सही स्थान मिलना या उनका मंदिर बनना इतनी आसान बात नहीं थी। ये संभव हो पाया है सिर्फ कारसेवकों के बलिदान से।
अयोध्या में हुए गोलीकांड में मारे गए एक कारसेवक के पुत्र ने यूपी सरकार से सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ कार्रवाई करने की माँग की है।
राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान कई ऐसे नारे आए जिन्होंने हिंदुओं में उत्साह का संचार किया। ऐसा ही एक नारा है- रामलला हम आएँगे, मंदिर वहीं बनाएँगे।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान कारसेवकों पर की गई तत्कालीन समाजवादी पार्टी की गोलाबारी की कार्रवाई को जायज ठहराया है।
परिवार बताता है कि अंतिम संस्कार तक के लिए संजय सिंह का शव उन्हें घर पर नहीं पहुँचाया गया था। बेटियाँ उस समय मात्र 2 साल और 45 दिन की…
6 दिसंबर 1992। वह दिन जब अयोध्या में विवादित ढाँचा ढहा था। वह दिन जब 19 साल के अविनाश माहेश्वरी राम मंदिर के लिए बलिदान हो गए।
संजय कुमार सिंह 2 नवंबर 1990 को अयोध्या में बलिदान हुए थे। मुलायम सिंह की सरकार की तरफ से आए आदेश में कारसेवकों को गोली मार दी गई थी।
27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा में अयोध्या से लौट रहे 59 कारसेवकों को मुस्लिम भीड़ ने साबरमती एक्सप्रेस की S-6 बोगी में ज़िंदा जला दिया था।
योगी सरकार ने 1990 में अयोध्या में पुलिस फायरिंग में वीरगति को प्राप्त हुए कारसेवकों के नाम पर सड़कों के निर्माण का फैसला किया है।