Saturday, April 27, 2024

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रामलला, रामरथी के बाद अब कारसेवक की बारी: जानिए कौन हैं अजित गोपछडे, कभी ऑटो ड्राइवर रहे मयंक नायक भी जाएँगे राज्यसभा

भाजपा ने राज्यसभा के लिए महाराष्ट्र से कारसेवक रहे अजित गोपछडे और गुजरात से मयंक नायक को उम्मीदवार बनाया है।

रुई में बाँधा शव, तेल डाल जला दिया, निहत्थों के सीने पर दागी गोली : कारसेवक बलिदानियों को याद कर रो पड़ीं साध्वी ऋतंभरा,...

प्रभु श्रीराम को उनका सही स्थान मिलना या उनका मंदिर बनना इतनी आसान बात नहीं थी। ये संभव हो पाया है सिर्फ कारसेवकों के बलिदान से।

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या को जेल भेजो: बलिदानी कारसेवक के बेटे की माँग, बोले- ‘नकली फोर्स’ घुसवाकर की गई थी रामभक्तों की हत्या

अयोध्या में हुए गोलीकांड में मारे गए एक कारसेवक के पुत्र ने यूपी सरकार से सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ कार्रवाई करने की माँग की है।

जिन्होंने दिया ‘रामलला हम आएँगे, मंदिर वहीं बनाएँगे’ का नारा, उनको भी मिला प्राण-प्रतिष्ठा का न्योता: मिलिए कारसेवक बाबा सत्यनारायण से

राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान कई ऐसे नारे आए जिन्होंने हिंदुओं में उत्साह का संचार किया। ऐसा ही एक नारा है- रामलला हम आएँगे, मंदिर वहीं बनाएँगे।

कारसेवकों पर गोली चलाना सही फैसला, मुलायम सरकार सिर्फ अपना फर्ज निभा रही थी: प्राण-प्रतिष्ठा से पहले स्वामी प्रसाद मौर्या ने उगला जहर

स्वामी प्रसाद मौर्य ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान कारसेवकों पर की गई तत्कालीन समाजवादी पार्टी की गोलाबारी की कार्रवाई को जायज ठहराया है।

पिता ने राम मंदिर के लिए खाई गोली, इंतजार करते-करते माँ का राम नवमी पर हुआ देहांत: प्राण प्रतिष्ठा का न्योता पाकर भावुक हुईं...

परिवार बताता है कि अंतिम संस्कार तक के लिए संजय सिंह का शव उन्हें घर पर नहीं पहुँचाया गया था। बेटियाँ उस समय मात्र 2 साल और 45 दिन की थीं।

अयोध्या में कारसेवकों पर फेंका बम, हवा में कैच कर बचाई सैकड़ों जिंदगी… कहानी राम मंदिर के लिए 19 साल की उम्र में बलिदान...

6 दिसंबर 1992। वह दिन ​जब अयोध्या में विवादित ढाँचा ढहा था। वह दिन जब 19 साल के अविनाश माहेश्वरी राम मंदिर के लिए बलिदान हो गए।

न घर आई अस्थियाँ, न अपनों को मिला अंतिम दर्शन: कहानी उस कारसेवक की जो राम मंदिर के लिए दूधमुँही बेटियों को छोड़कर गए...

संजय कुमार सिंह 2 नवंबर 1990 को अयोध्या में बलिदान हुए थे। मुलायम सिंह की सरकार की तरफ से आए आदेश में कारसेवकों को गोली मार दी गई थी।

‘इस्लाम खतरे में है, काफिरों को मार डालो’: मुस्लिम भीड़ ने ट्रेन में ज़िंदा जला डाले 59 राम भक्त, 10 तो बच्चे और 27...

27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा में अयोध्या से लौट रहे 59 कारसेवकों को मुस्लिम भीड़ ने साबरमती एक्सप्रेस की S-6 बोगी में ज़िंदा जला दिया था।

‘बलिदानी रामभक्त मार्ग’: मुलायम सिंह के आदेश पर हुई फायरिंग में जिन कारसेवकों के गए प्राण, उनके नाम पर सड़क बनाएगी योगी सरकार

योगी सरकार ने 1990 में अयोध्या में पुलिस फायरिंग में वीरगति को प्राप्त हुए कारसेवकों के नाम पर सड़कों के निर्माण का फैसला किया है।

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