बेकरी के मालिक ने स्थाई रूप से अपनी दुकान बंद कर दी है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि जब गूगल पर जैन बेकर्स एंड कन्फेक्शनरी के नाम से सर्च किया जाता है तो रिजल्ट ‘permanently closed’ लिखकर आता है।
अब आप समझ जाइए कि जब 'ऑल्टन्यूज़' के कर्ताधर्ता ऐसे काम करते हैं तो उनका प्रोपेगेंडा पोर्टल कैसे चलाया जाता होगा। बैनर पर आमजनों और पशु-पक्षियों को खाना खिलाने की बात स्पष्ट लिखी हुई है फिर भी...
वह क्रिश्चियनिटी के प्रखर आलोचक थे और गुजरात में मिशनरी ईसाईयों द्वारा चलाए जा रहे धर्मान्तरण के सख्त विरोधी। 125 पुस्तकें लिखने वाले बुद्धिसागर ने मूर्तिपूजा के समर्थक थे और इसके लिए उन्होंने तर्क भी दिए थे।
पदाधिकारियों का कहना था कि नगर निगम ने ख़ुद इस निर्माण (कीर्ति स्तम्भ) की अनुमति दी थी। इस पर सवाल उठाते हुए धरना प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अनुमति देने के बाद तोड़-फोड़ क्यों की गई?
एक शिक्षित समुदाय के बीच इस तरह का चलन शोभा नहीं देता। अगर आँकड़ों की बात करें तो पता चलता है कि पिछले एक दशक में जैन समुदाय की जनसंख्या में 50% की वृद्धि आई है। ऐसे में जैन समिति के बीच इस तरह की बेचैनी का कोई कारण नहीं बनता।