Sunday, November 17, 2024

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नरसंहार

पंजशीर में कत्लेआम मचा रहा तालिबान, रेजिस्टेंस फ्रंट नेताओं के परिजनों और आम नागरिकों की बड़े पैमाने पर हत्या का दावा

अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी में तालिबान कत्लेआम मचा रहा है। कथित तौर पर वह रेजिस्टेंस फ्रंट के नेताओं के परिजनों और अन्य नागरिकों की हत्या कर रहा है।

सेनारी नरसंहार में सबको बरी करने के फैसले की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, 34 लोगों की गला रेत और पेट चीर कर दी गई...

सेनारी नरसंहार पर हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए बिहार की नीतीश सरकार ने जो याचिका दाखिल की थी उसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।

अँधेरे में गॉंव में घुसे 500-600, घर से घसीटकर लाए गए ग्रामीण, 34 का गला काटा-पेट चीरा: 22 साल बाद कोई दोषी नहीं

हाई कोर्ट ने 13 दोषियों को रिहा कर दिया है। लिहाजा सवाल उठता है कि फिर सेनारी नरसंहार को अंजाम किसने दिया?

जलियाँवाला नरसंहार वाले जनरल डायर का स्वर्ण मंदिर में सिरोपा दे हुआ था सम्मान, अमरिंदर के पुरखे भी थे अंग्रेजों के वफादार

जलियाँवाला बाग़ नरसंहार के बारे में कौन नहीं जानता। यह नरसंहार अंग्रेज अधिकारी जनरल रेजिनाल्ड एडवर्ड डायर के आदेश पर हुआ था। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अकाल तख़्त ने उसे सिरोपा देकर सम्मानित किया था।

यह जोगेंद्रनाथ का आँगन है, यहीं 60 लोगों को लाइन में खड़ा कर मारी थी गोली… नीवा, काली, रानी आज भी उन जख्मों संग...

6 नावों पर बैठकर 150 पाकिस्तानी आए। जोगेंद्रनाथ पाल के आँगन में 60 पुरुषों को खड़ा किया... मुक्ति से पहले बांग्लादेश में बर्बरता की एक कहानी।

खून पर खून और खून के बदले खून: बिहार में जातीय नरसंहार के बूते लालू ने कुछ यूँ खड़ी की थी ‘सामाजिक न्याय’ की...

अगस्त 12-13, 1992 का दिन। गया जिला का बारा गाँव। माओवादियों ने इलाके को घेरा और 'भूमिहार' जाति के 35 लोग घर से निकाले गए। पास में एक नहर के पास ले जाकर उनके हाथ बाँधे गए और सबका गला रेत कर मार डाला गया। लालू राज में जाति के नाम पर ऐसी न जाने कितनी घटनाएँ हुईं।

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