राष्ट्रपति भवन ने खंडन करते हुए इस प्रकार के किसी भी पत्र के मिलने की खबरों से इंकार कर दिया है। राष्ट्रपति भवन ने स्पष्ट किया है कि तीनों सेनाओं के 8 पूर्व प्रमुखों सहित 150 से अधिक पूर्व सैन्य अधिकारियों द्वारा लिखी गई कोई चिट्ठी उन्हें नहीं मिली है, जो मीडिया में चल रहा है।
ये वेबसाइट किस तरह से लोगों को भ्रमित करने के लिए समर्पित है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस पर विशेष टैब बनी है जिसका शीर्षक है, “मुस्लिम किसे वोट डालें।”
शबाना द्वारा 29 सितंबर, 2017 को किया गया यह ट्वीट एक बार दोबारा चर्चा का विषय बना और फिर सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने-अपने तरीके से शबाना के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।
स्वराज्य की पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा की एक ग्राउंड रिपोर्ट में इस घटना से संबंधित एक और रोचक जानकारी सामने आई है क्योंकि लगभग 35 छात्र, जो कथित पीड़िता खानम के सहपाठी भी थे, ने स्पष्ट तथ्यों द्वारा इस घटना पर अपना पक्ष साझा किया।
BSNL ने कहा कि BSNL इस तरह की किसी भी खबर से इनकार करता है। CMD ने यह तब कहा जब मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि BSNL 54,000 कर्मचारियों को हटाने का प्लान बना रहा है।
इस खबर के मूल हकीक़त को परखेे बिना इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना दिखाता है कि आजकल सोशल मीडिया का इस्तेमाल किस प्रकार फेक न्यूज को फैलाने के लिए किया जा रहा है।
यदि हिन्दू कोई संतोषजनक उत्तर नहीं ला पाता है तो भारी दिल से हमें इस निष्कर्ष पर पहुँचना पड़ेगा कि या तो देश के सबसे पुराने और ‘esteemed’ समाचार पत्रों में शुमार हिन्दू को ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी ही नहीं है
फ़र्ज़ी खबर फ़ैलाने वाले इस ट्विटर एकाउंट को कॉन्ग्रेस पार्टी प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी से लेकर कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर फॉलो करते हैं। प्रियंका चतुर्वेदी जिस तरह से रोजाना फ़र्ज़ी खबर और फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए पाई जाती हैं, इसकी वजह शायद यही है कि उनकी सूचनाओं के स्रोत और 'कच्चे माल' की निर्भरता इस तरह के फेक न्यूज़ एकाउंट्स हैं।
पाकिस्तान सोशल मीडिया पर 2016 और 2018 में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमानों की तस्वीरें दिखा कर दावे कर रहा है कि पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना के 2 विमान मार गिराए और 2 भारतीय सैनिकों को बंदी बनाया जा चुका है।