Sunday, November 17, 2024

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राजीव गाँधी

राजीव और इंदिरा के नाम पर चल रहे 3 संगठनों की फंडिंग पर नकेल: ED के स्पेशल डायरेक्टर और कमिटी से जाँच

राजीव गाँधी फाउंडेशन समेत 3 ट्रस्टों की फंडिंग को लेकर उपजे विवाद पर केंद्रीय गृह मंत्रालय सख्त है और अंतर-मंत्रालय जाँच बिठा दी गई है।

बैंकों का पैसा लेकर भागे मेहुल चोकसी ने भी राजीव गाँधी फाउंडेशन को दिया था ‘दान’

राजीव गॉंधी फाउंडेशन को मेहुल चोकसी से 2014-15 में अघोषित दान मिला था। वह हजारों करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले में आरोपित है।

कॉन्ग्रेस का सन्देश है कि जो गाँधी परिवार के खिलाफ बोलेगा उसे प्रताड़ित किया जाएगा: तजिंदर बग्गा

तजिंदर बग्गा ने पूछा कि अगर सिख नरसंहार में राजीव गाँधी का हाथ नहीं होता तो इसमें शामिल लोगों को मंत्रिपद देकर क्यों नवाजा जाता?

‘दोबारा कहूँगा, राजीव गाँधी हत्यारा था’ – छत्तीसगढ़ में दर्ज FIR के बाद भी तजिंदर बग्गा ने झुकने से किया इनकार

तजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ FIR हुई है। इसके बाद बग्गा ने राजीव गाँधी को दोबारा हत्यारा बताया और कॉन्ग्रेस के सामने झुकने से इनकार...

राजीव गाँधी की छतरी सँभाले अमेरिकी राष्ट्रपति रेगन: वीडियो का भोपाल गैस हादसे से क्या है कनेक्शन

रेगन से राजीव गॉंधी को मिली इज्जत एक आपसी लेन-देन का नतीजा मानी जाती है। जिसके तहत आदिल मिला और एंडरसन को छोड़ा।

मोतीलाल नेहरू ने अपने पास बिठाकर लिखवाई थी तुलसीदास से रामचरितमानस, दिग्विजय सिंह की जानकारी अधूरी!

इस अप्रकाशित पुस्तक में यह भी खुलासा किया गया है कि जामवंत ने हनुमान को नहीं बल्कि जवाहरलाल नेहरू को उनका बल याद दिलाया था, इसके बाद ही वो स्वतंत्रता संग्राम में कूदे थे। साथ ही बताया गया था कि रावण ने मारीच नहीं बल्कि दिग्विजय सिंह को स्वर्ण मृग बनाकर सीता माता के पास भेजा था।

राजीव गाँधी मरते समय PM थे, सीताराम केसरी अध्यक्ष नहीं: कॉन्ग्रेस अपनी वेबसाइट से फैला रही फेक न्यूज़

कॉन्ग्रेस पार्टी परिवार की मुराद में इतना डूब गई है कि इतिहास को भी बदलने पर आमादा है। राजीव गाँधी को पार्टी की वेबसाइट पर मरते समय भारत का तत्कालीन प्रधानमंत्री बताया गया है जबकि सच्चाई यह है कि उस समय भारत के प्रधानमंत्री चंद्रशेखर हुआ करते थे। इसके अलावा पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी को...

राजीव गाँधी: PM जो मर कर वापस हुआ ‘ज़िंदा’, जिसे कॉन्ग्रेस ही नहीं दिला सकी ‘न्याय’

इन चुनावों में राजीव गाँधी यकायक मुद्दा बन गए- चुनावी भी, चर्चा का भी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भ्रष्टाचारी कहा, शेखर गुप्ता ने ‘डैशिंग, बाल-बच्चों वाला, युवा प्रधानमंत्री’, और सैम पित्रोदा के अनुसार उनकी जिंदगी में अर्थ ही राजीव गाँधी के भारत में कंधे पर कम्प्यूटर ढो कर लाने से आया।

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