Friday, November 22, 2024

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शेहला रशीद

‘अल्लाह का शुक्र है कि ‘पापा मोदी’ की कोई औलाद नहीं, वरना…’ – JNU वाली शेहला रशीद ने फिर उगला जहर

शेहला रशीद ने ट्विटर पर लिखा- "अल्लाह का शुक्र है कि नरेंद्र मोदी की कोई औलाद नहीं है। अगर उनके बच्चे होते तो उन्हें स्कूल में काफ़ी शर्मिंदा होना पड़ता।" ये पहली बार नहीं है जब शेहला रशीद ने पीएम मोदी को लेकर ऐसी टिप्पणी की हो।

हमारी दोस्ती चाहिए तो अपने हिस्से का आरक्षण मुस्लिमों को भी दें दलित: शेहला रशीद की नई शर्त

अगर मुस्लिमों को एससी कैटेगरी में आरक्षण X% मिलता है तो इसका अर्थ ये है कि उतनी ही संख्या में दलितों का हिस्सा कट जाएगा। क्या शेहला चाहती हैं कि दलितों को अगर मुस्लिमों के साथ रहना है तो उन्हें अपने हिस्से के आरक्षण की कुर्बानी देनी होगी?

ऑपइंडिया टॉप 10: वो नेगेटिव चेहरे जिन्होंने 2019 में केवल ग़लत वजहों से बनाई सुर्खियाँ

इन 10 चेहरों को देख लीजिए। इन्होंने 2019 में नकारात्मकता, जातिवाद, डर और तानाशाही का कारोबार किया है। ऑपइंडिया लेकर आया है उन 10 लोगों के नाम, जिन्होंने पूरे 2019 में केवल बुरे कारणों से ही सुर्खियाँ बनाईं। कइयों को जनता ने इस साल करारा सबक सिखाया।

शेहला को परेश रावल ने दिखाया आईना, कहा- तुम्हें इंटरनेट की पड़ी है, कश्मीरी पंडित सालों से बेघर हैं

कश्मीर पर अफवाह फैलाने में शेहला रशीद पुरानी उस्ताद रही हैं। वे ट्ववीट कर सेना पर कश्मीरियों को प्रताड़ित करने का आरोप तक लगा चुकी हैं। सेना ने उस वक्त कहा था कि लोगों को भड़काने के लिए असामाजिक तत्व और संगठन फर्जी खबरें फैला रहे हैं।

…जरूरत पड़े तो शेहला राशिद को गिरफ्तार करो, कोर्ट ने दिया आदेश: भारतीय सेना को किया था बदनाम

शेहला ने कश्मीर की चुनावी राजनीति से अलग रहने का ऐलान किया था। और राजनीति से तौबा करने का दोष भी उन्होंने मोदी सरकार पर ही मढ़ा। उन्होंने कहा था कि कश्मीर में जो कुछ हो रहा है उसे वह बर्दाश्त नहीं कर पा रहीं।

‘पापा मोदी’, हिम्मत है तो राम मंदिर बनाओ और अनुच्छेद 370 हटाओ: कबूल हुई शेहला रशीद की दोनों दुआएँ

जेएनयू की छात्र नेता रहीं शेहला ने जम्मू कश्मीर की राजनीति में भी क़दम रखा था लेकिन अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के निरस्त होने के कारण उनकी राजनीतिक पारी चौपट हो गई। इसके लिए उन्होंने लम्बा-चौड़ा फेसबुक पोस्ट लिख कर मोदी सरकार पर निशाना साधा था।

सुश्री शेहला जी, राजनीति तो आपने घंटा नहीं छोड़ी है और किसी को फर्क भी घंटा नहीं पड़ता

जेएनयू में हजार वोट पाकर विद्यार्थी संघ का वाइस प्रेसिडेंट बनना किसी को यह अधिकार दे देता है कि वो लोकतान्त्रिक प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर सके? इनके हिसाब से वो मुट्ठी भर आतंकी कश्मीर घाटी के लाखों लोगों का भविष्य तय करेंगे क्योंकि उनको 'आजादी' चाहिए।

कश्मीर में शेहला रशीद बनना चाहती थीं नेता, मगर लोकतंत्र की दुहाई दे भाग गईं

शेहला रशीद ने कश्मीर की चुनावी राजनीति से अलग रहने का ऐलान किया है। उन्होंने यह घोषणा ऐसे वक्त में की है जब जम्मू-कश्मीर में बीडीसी यानी ब्लॉक डेवलपमेंट कौंसिल के चुनाव होने हैं। राजनीति से तौबा करने का दोष भी उन्होंने मोदी सरकार पर ही मढ़ा है।

JNU में विरोध-प्रदर्शन: शेहला रशीद होंगी शामिल, उपाध्यक्ष ने कहा – हम दिखाएँगे J&K के असली हालात

JNU में '64 डेज ऑफ शटडाउन' नाम से विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया है। विरोध सभा में शेहला रशीद शोरा, एनी राजा, प्रदीपिका सारस्वत, संजय काक और एजाज अहमद राथर को वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया है।

GO मोदी-शाह, GO बाबुल सुप्रियो GO: शेहला रशीद ने किया जाधवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों का समर्थन

शेहला ने भाजपा और आरएसएस को बौद्धिकता और विज्ञान विरोधी करार दिया। शेहला ने लिखा कि विज्ञान से घृणा करने वाली मोदी सरकार की विचारधारा नाज़ी जर्मनी से मिलती-जुलती है। शेहला का बयान पाक पीएम इमरान ख़ान के बयान से मिलता-जुलता है।

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