Sunday, November 17, 2024

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फ़िल्म समीक्षा

जघन्य अपराध, कचरे का डब्बा और एक दुर्घटना… ‘लार्जर दैन लाइफ’ के दौर में ताज़ा हवा का झोंका है Maharaja: रीमेकजीवी बॉलीवुड क्यों नहीं...

न तो बलात्कार की समस्या को पहली बार उठाया गया है, न पिता-पुत्री के रिश्ते को पहली बार उकेरा गया है, न ही पुलिस के कामकाज के तरीके पर ये पहला कटाक्ष है। फिर भी 'महाराजा' ताज़ा हवा का झोंका है।

प्रशांत वर्मा से प्रशिक्षण लें ‘आदिपुरुष’ वाले: ‘हनुमान’ फिल्म में दिखती है बनाने वालों की श्रद्धा, सैकड़ों करोड़ फूँक कर जो नहीं हो पाया...

'हनुमान' एक ऐसी फिल्म है जिसे देख कर इसे बनाने वालों की श्रद्धा झलकती है। ऐसी फ़िल्में बनाने के लिए सैकड़ों करोड़ रुपए नहीं, भाव चाहिए। बॉलीवुड ने जिन पौराणिक कथाओं एवं किरदारों को नज़रअंदाज़ किया, साउथ सिनेमा अब उन्हीं को दुनिया के सामने ला रहा।

मोगैम्बो, डॉक्टर डैंग या गेंडास्वामी नहीं, ‘अल्लाहु अकबर’ चिल्लाने वाला ‘सर कलम’ है भारत का दुश्मन: कंगना रनौत ने ‘तेजस’ में दिखाया नारी शक्ति...

कंगना रनौत की 'तेजस' में सिर्फ हवाई युद्ध ही नहीं, बल्कि परिवार, प्रेम और संघर्ष भी है। लेकिन, आतंकवाद के आते शांति मातम में बदल जाती है। फिर जो होता है, वहीं 'तेजस' की हाइलाइट है।

वैज्ञानिकों को पहचान दिलाती फिल्म, गिरोह की पोल खोलती फिल्म: पैनी होती विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन की धार, ‘Vintage’ नाना पाटेकर के लिए भी...

'The Vaccine War' क्यों देखें? इसका जवाब होगा - वास्तविकता के उन पहलुओं को समझने के लिए देखिए, जिनका असर आप पर पड़ता है लेकिन आप समझ नहीं पाते।

किसने देखी ‘जवान’, मुझे तो बूढ़े स्टारडम को सहारा देती नयनतारा दिखी: शाहरुख खान के फिल्म की कमाई को भूलिए, असली रिव्यू इधर पढ़िए

जवान में इकलौता चमकता चेहरा नयनतारा का है, जिसका इस्तेमाल शाहरुख के बूढ़े स्टारडम को बचाने में किया गया है। बाकी क्या वाहियात प्लॉट है और क्या ही कहानी।

‘भाईचारा’, ‘अच्छा मुस्लिम’ और डायरेक्टर के बेटे को छोड़ बाक़ी सब ठीक: ‘ग़दर 2’ से सनी देओल ने मनवाया लोहा, सीटियाँ-तालियाँ-नारों का माहौल बनाने...

भाईचारा वाले कुछ डायलॉग्स को छोड़ दें तो 'ग़दर 2' अच्छी बन पड़ी है। सनी देओल 67 की उम्र में भी लोहा मनवाते हैं। उत्कर्ष शर्मा की रीलॉन्चिंग फेल है। सीटियों-तालियों-नारों के लिए सटीक फिल्म है।

खेलकूद की उम्र में योनि-वीर्य और संभोग पढ़ें बच्चे? ‘OMG 2’ में महाकाल के पुजारी का परिजन यौन शोषक, अरुण गोविल को नेगेटिव रोल

क्या हस्तमैथुन इतना बड़ा विषय है कि भगवान शिव को हस्तक्षेप करना पड़ जाए? 'OMG 2' से सन्देश दिया गया है कि सड़क पर सेक्स की बातें होनी चाहिए। पुजारी के परिवार में ही यौन शोषक दिखाने वाले मौलवी-पादरी को लेकर ऐसी हिमाकत करेंगे?

शिवलिंग मतलब काला पत्थर, श्रीकृष्ण कहते हैं कुरान पढ़ो, धोती-शिखा वाला होता है अनपढ़ … ‘OMG 2’ से पहले 12 बिंदुओं में समझिए OMG...

क्या आप भी 'OMG: Oh My God!' फिल्म देख कर खूब हँसे थे? फिर आपको ये 12 पॉइंट्स ज़रूर पढ़ने चाहिए। किस तरह होता है ब्रेनवॉश, इसे समझिए।

ईसाई हो या कम्युनिस्ट, उनकी नजर में सब ‘शिकार’… शरीयत में महिलाएँ उपभोग की वस्तु, ‘अल्लाहु अकबर’ चिल्ला कर हिंसा – वास्तविकता दिखाती है...

ईसाई हो या कम्युनिस्ट, इस्लामी कट्टरपंथी एजेंडे में सब 'शिकार' ही हैं, 'The Kerala Story' इसे अच्छे तरीके से दिखाती है। फिल्म में कुछ भी छिपाने का प्रयास नहीं किया गया है। 3 पीड़ित लड़कियों की कहानी के जरिए एक बड़ी साजिश की पोल खोली गई है।

‘ये बर्दाश्त से बाहर, रद्दी है’: ‘Liger’ को साउथ के ही फिल्म समीक्षकों ने बताया सिरदर्द, कहा – कहानी और लेखन भी कचरे के...

अधिकतर फिल्म समीक्षक विजय देवरकोंडा की 'Liger' को बर्दाश्त न होने लायक सिरदर्द बता रहे हैं। खासकर फिल्म के दूसरे हिस्से को लोग रद्दी बता रहे हैं।

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