बंगाल में टीएमसी को वोट नहीं करने वाला समाज का एक बड़ा वर्ग डर के साए में जी रहा है। ये टीएमसी समर्थकों द्वारा पीड़ित हैं। हत्या, बलात्कार और लूट के भय से हजारों लोग असम, झारखंड और ओडिशा में शरण ले रहे हैं।
कलकत्ता हाईकोर्ट में राज्य की ओर से जवाब देते हुए महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने कहा कि उनकी रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 09 मई के बाद से कोई चुनाव बाद हिंसा नहीं हुई है।
नाइजीरिया, ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न, जॉर्जिया के अटलांटा और टेक्सास के ह्यूस्टन में भी पश्चिम बंगाल में तृणमूल कॉन्ग्रेस द्वारा समर्थित हिंसा के खिलाफ प्रवासी भारतीयों ने किया विरोध प्रदर्शन।