"आज का दिन भारतीय इतिहास का काला दिन है। बीजेपी की सरकार ने सत्ता के नशे में और वोट हासिल करने के लिए एक झटके में अनुच्छेद 370 के साथ 35A को खत्म कर दिया। इसके साथ खिलवाड़ कर यह बहुत बड़ी गद्दारी कर रहे हैं।"
“अपनी यूनियन टैरिटरी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के असंभव ख्वाब देखने वाले आत्ममुग्ध बौने को भी एक पूर्ण राज्य के यूनियन टैरिटरी में बदलने के प्रस्ताव का समर्थन करना पड़ रहा है, इसी को 'खुदाई-जूता' कहते हैं जो लगता भी है और रोने भी नहीं देता।”
सरकार की घोषणा के बाद केंद्र शासित प्रदेशों की लिस्ट में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का नाम जुड़ गया है। वहीं, 29 राज्यों में से एक राज्य (जम्मू-कश्मीर) घट गया जिससे अब कुल राज्यों की संख्या 28 हो गई है और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 9 हो गई है।
नेहरू और इंदिरा ने 370 की आड़ में शेख अब्दुल्ला से विभिन्न करार किए, जिनकी न कोई वैधानिकता थी न ज़रूरत। उन्हीं करारों के चलते जम्मू-कश्मीर राज्य को अलग झंडा और न जाने क्या-क्या दे दिया गया, जिसके कारण बाद के वर्षों में अलगाववाद को हवा मिली।
शाह फैसल की पार्टी से जुड़ीं शेहला रशीद ने कहा कि सरकार को गवर्नर मान लेने और संविधान सभा की जगह विधानसभा को रखने का फैसला संविधान के साथ धोखा है। वो इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगी।
अजित डोभाल आज ही जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जाएँगे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंगे। वहाँ की स्थितियों को देखते हुए वो रुक भी सकते हैं और स्थितियाँ सामान्य होने तक सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखेंगे।
दूसरे ट्वीट में उमर अब्दुल्ला ने चेतावनी भरे लहजे में लिखा था, “मेरे शब्दों को याद रखना। या तो आर्टिकल 370 रहेगा या फिर जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रहेगा।”
राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा कश्मीर में लागू अनुच्छेद-370 और 35 A को खत्म करने के प्रस्ताव को पेश करते ही विपक्षी पार्टियों और लिबरल गैंग को झटके लगने शुरू हो गए हैं। बरखा दत्त ने ट्वीट किया, “एक डेस्क में दो विधानसभा, दो प्रधान, दो निशान नहीं हो सकते।”
मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले सपा नेता संजय सेठ ने पार्टी की सदस्यता के साथ-साथ संसद की सदस्यता से भी इस्तीफ़ा दे दिया है। इससे पहले समाजवादी पार्टी के नीरज शेखर और सुरेंद्र नागर भी पार्टी से इस्तीफ़ा दे चुके हैं।