बलिदानियों को नमन🙏

राम मंदिर के बलिदानियों को नमन

जब भी राम मंदिर को देखें, इसे सिर्फ हिंदुओं की आस्था का प्रतीक न मानें। यह प्रतीक है उन बलिदानियों का भी, जिन्होंने अपनी दुधमुँही बच्ची को छोड़ राम नाम के लिए सीने पर गोली खाई। यह प्रतीक है उनका भी, जिनके परिवार वालों को आज तक उनका अंतिम दर्शन न हो सका।

अयोध्या में जब भी राम मंदिर जाएँ, अपने आराध्य रामलला को याद करें… साथ में उनको भी याद करें, जिन्होंने अपना कल न्योछावर कर दिया, आपके आज के हिंदुत्व की गाथा के लिए। यहाँ पढ़ें उन बलिदानियों की कहानियाँ, करें उन्हें नमन!

रानियों के काट डाले शीश, शिवलिंग पर निशान, कुएँ से निकले नरमुंड… जब राम जन्मभूमि को बचाने के लिए बाबर के बाद औरंगज़ेब से भिड़ा था भीटी राजपरिवार

रानियाँ मुगल फ़ौज से बचने के लिए सोनारपुरवा में छिपी हुई थीं। यहाँ पहुँच कर औरंगज़ेब के हमराहों ने पहले इलाके को लूटा और फिर रानियों का उनके सेवकों सहित…

घसीट कर सड़क पर ले गए, एक के सीने और एक के सिर में मारी गोली: राम मंदिर के लिए बलिदान हो गए कोठारी बंधु, सेवा कार्यों से अब भी उनके मिशन को आगे बढ़ा रही बहन

रक्तदान, गरीब बच्चों की पढ़ाई, धर्म के लिए संघर्ष करने वालों का सम्मान - कोठारी बंधुओं की स्मृति में बहन पूर्णिमा सब करती हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी भक्तों-जवानों…

कारसेवकों की सेवा में जुटे थे ग्रामीण, गाँव को घेर मुलायम की पुलिस ने की फायरिंग: महिलाओं से हुई थी बदसलूकी, सत्यवान सिंह हो गए थे बलिदान

कारसेवकों को पकड़ने गाँव में पहुँची पुलिस का विरोध करते हुए 22 अक्टूबर 1990 को हुए नरसंहार में बलिदान हो गए थे बस्ती के रामभक्त सत्यवान सिंह।

राम मंदिर के पहले बलिदानी, 16 साल के राम चन्दर यादव: कारसेवकों को बचाने गए, पुलिस ने सिर में मारी गोली, घर पर नहीं होने दिया अंतिम संस्कार

मुलायम सरकार में 22 अक्टूबर 1990 को हुआ था रामभक्तों का पहला नरसंहार। बस्ती जिले के पहले नाबालिग बलिदानी का नाम था राम चन्दर यादव।

कोलकाता के घर-घर में ‘पीला चावल’ भेज रहे हैं बलिदानी कोठारी बंधुओं के मित्र-परिजन, अयोध्या में भी लगाएँगे जलपान का कैंप

कोठारी बंधुओं की स्मृति में चलने वाली संस्था 'राम शरद कोठारी स्मृति संघ' अयोध्या में कैंप लगाने जा रही है। इसमें श्रद्धालुओं के लिए चाय-नाश्ते का निशुल्क प्रबंध होगा।

सीने में गोली दागी, ज़िंदा थे तभी लाशों के साथ गाड़ी में ठूँसा, विधवा से बदसलूकी: भजन गा रहे थे कारसेवक महावीर अग्रवाल, परिवार ने याद किया – लाल हो गई थी सरयू

लाशों को समेटने के चक्कर में पुलिस वालों ने कई घायल कारसेवकों को भी वाहनों में लाद लिया था और जिन्दा ही सरयू नदी में फेंक दिया था। बकौल अभिषेक,…

पूरे शरीर में धँस गए थे गोलियों के छर्रे, बेहोशी में भी कह रहे थे राम-राम: कारसेवक राम बहादुर वर्मा के बेटों ने कहा – मुलायम ने हमें किया था अनाथ

अयोध्या जाते समय राम बहादुर ने अपनी पत्नी से कहा था, "मैं शायद न लौट पाऊँ। बच्चों का ध्यान रखना।" नम आँखों से काली सहाय ने कहा, "मेरे पिता के…