सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमेटेड (BSNL) ने नोटिस जारी कर विवादित कार्यकर्ता और बर्खास्त कर्मचारी रेहाना फातिमा को सरकारी आवास खाली करने को कहा है।
वामपंथी नेता सीताराम येचुरी ने भी लिखा कि मोदी सरकार अपने दोस्त उद्योगपतियों को बचाने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। सूर्यकांत मिश्रा और सुजन चक्रवर्ती सहित अन्य वामपंथी नेताओं ने भी इस ख़बर के आधार पर सरकार को आड़े हाथों लिया।
बीएसएनएल के चेयरमैन ने बताया कि कम्पनी ने अपने आंतरिक संसाधनों का इस्तेमाल कर कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में बीएसएनएल को 14,000 करोड़ का घाटा हुआ है और कम्पनी का राजस्व घट कर 19,308 करोड़ रुपया हो गया है।
कंपनी ने सरकार से तत्काल फंड की सुविधा माँगी है। बीएसएनएल ने सरकार से ऑपरेशन जारी रखने में अक्षमता जताते हुए कहा कि कंपनी के पास कामकाज जारी रखने के लिए पैसे नहीं हैं। कंपनी के पास लगभग ₹13,000 करोड़ की आउटस्टैंडिंग लायबिलिटी है जिसने कारोबार चलाना मुश्किल बना दिया है।