जाँच में सामने आया कि तौहीद और पीड़िता सोशल मीडिया के जरिए एक दूसरे से मिले थे। कुछ ही दिनों में दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए और आपस में मिलना-मिलाना शुरू हो गया।
मुंशी प्रकाश ने बताया कि फेसबुक की ये ID तमिल और तेलगु सहित कई अन्य भाषाओं में बनवाई जा रही थी। काम के बाद पीड़ित को एक अँधेरे कमरे में बंद रखा जाता था।
एजाज और इरशाद पुरुषों को सुंदर महिलाओं की तस्वीरों के जरिए रिझाते थे और झाँसा देते थे कि अगर इस महिला को प्रेग्नेंट कर दिया, तो उसे लाखों रुपए मिलेंगे, क्योंकि महिला को बच्चे नहीं हो रहे।
परीक्षा प्रक्रिया की उच्चतम स्तर की पारदर्शिता और पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि यूजीसी-नेट जून 2024 परीक्षा रद्द की जाए।