ज्ञानवापी सर्वे पूरा होने के बाद इसकी रिपोर्ट पेश करने के लिए दो दिन का समय माँगा गया। इसके अलावा परिसर में कुछ दीवार गिराकर वीडियोग्राफी के लिए भी अनुमति माँगी गई।
ज्ञानवापी में पहली बार सर्वे नहीं हुआ है। इससे पहले साल 1996 में भी एक दिन का सर्वे हुआ था जिसमें सामने आया था कि विवादित ढाँचे के भीतर मंदिरों के चिह्न हैं।
ज्ञानवापी विवादित ढाँचे से शिवलिंग मिलने के बाद हिंदू पक्ष में जहाँ खुशी की लहर है। वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि सांप्रदायिक उन्माद रचने की साजिश कहा है।