Wednesday, June 26, 2024

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चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर उतारने वाला पहला देश बनेगा भारत: चंद्रयान-2 के लिए उल्टी गिनती शुरू

भारत एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। भारत चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर अपना यान उतारने वाला पहला राष्ट्र बन जाएगा। यह यान 16 दिनों तक पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए चाँद की तरफ बढ़ेगा। इस दौरान चंद्रयान की अधिकतम गति 10 किलोमीटर प्रति सेकंड होगी।

अंतरिक्ष में भारत का नया लक्ष्य: 2030 तक होगा अपना स्पेस स्टेशन

फ़िलहाल इसरो का ध्यान चंद्रयान-2 पर है, जिसे 15 जुलाई को उड़ान भरनी है। यह चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का प्रयास करेगा, जो कि अब तक मानव द्वारा अनछुआ है।

UPA-2 ने चुनावी लाभ के लिए टाला था चंद्रयान-2 मिशन: पूर्व इसरो प्रमुख

यह पहली बार नहीं है जब कॉन्ग्रेस ने चुनावी लाभ के राष्ट्रीय हितों से समझौता करते हुए महज चुनावी लाभ के संस्थाओं को अपने तरीके से चलाया है। यहाँ भी यह साबित हो रहा है कि संस्थाओं की कार्यशैली में जितना हस्तक्षेप कर देश की तरक्की को नुकसान पहुँचाया है उतना किसी ने नहीं।

RISAT-2B: आतंकियों पर नजर के लिए तीसरी आँख, ISRO की बड़ी कामयाबी

इस उपग्रह की खूबी है - सिंथेटिक अपर्चर रडार (synthetic aperture radar) - जिसके कारण यह किसी भी मौसम में काम करता रहेगा, निगरानी रखता रहेगा। RISAT-2B में पूर्णतः स्वदेशी विक्रम प्रोसेसर लगा हुआ है।

गगनयान-2022 में भारतीय वायुसेना के अफसर अंतरिक्षयात्री बनकर जाएँगे

रूसी मिशन के साथ अंतरिक्ष में जाने वाले प्रथम भारतीय विंग कमांडर (सेवानिवृत) राकेश शर्मा भी उस समय (1982) में वायुसेना के ही स्क्वाड्रन लीडर थे।

20cm तक ज़ूम करके दुश्मन पर नज़र रखेगी भारतीय सेना, 5 और सैन्य उपग्रह किया जाएगा लॉन्च

कार्टोसैट-3 एक उन्नत उपग्रह है। इसमें 0.2 मीटर (20 सेमी) के रिज़ॉल्यूशन को ज़ूम करने की क्षमता है। इस क्षमता को दुनिया में सबसे अच्छा माना जाता है। इससे बंदूक या दुश्मन के बंकर में मौजूद हर छोटी से छोटी वस्तुओं को स्पष्ट देखा जा सकेगा।

EMISAT: शत्रु के रडार को पकड़ने में सक्षम भारत का इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट

एमीसैट के अलावा PSLV C-4 लॉन्च वेहिकल द्वारा अमेरिका के 24, स्पेन का एक, लिथुआनिआ के दो और एक स्विट्ज़रलैंड का सैटेलाइट भी कक्षा में स्थापित किया गया।

कॉन्ग्रेसी राज के वो दिन, जब देश को मजबूत बनाने की सोचने वाले जिंदा नहीं बचते थे

मोदी विरोध के लिए देश की उपलब्धियों को झुठलाने वाली कॉन्ग्रेस व विपक्षी दल फिर कटघरे में हैं। आज नहीं कल, लोग उनसे हिसाब माँगेंगे और पूछेंगे कि देश को मजबूत बनाने वालों की संदिग्ध मौत और भारत को असुरक्षित बनाने वाली कॉन्ग्रेस पार्टी के इतिहास में इतने ब्लैक होल क्यों हैं?

चंद्रयान 2 : चुनाव के बीच चाँद की धरती पर पहुँचेगा यान, ISRO की तैयारियाँ चरम पर

रोवर में छह पहिए हैं और इसका वजन 20 किलो बताया जा रहा है। पावर समस्या से बचने के लिए रोवर को सोलर पावर वाले उपकरणों से भी लैस किया गया है। जिससे रोवर की दूरी का सटीक पता लगाने में आसानी होगी।

एतना देर हो गया, सबूत नहीं माँगोगे ASAT से सेटेलाइट मार गिराने का?

इंतजार कीजिए, कोई मूर्ख नेता और धूर्त पत्रकार जल्द ही यह पूछेगा कि जो सेटैलाइट मार गिराया गया, उसका धुआँ तो आकाश में दिखा ही नहीं, उसके पुर्ज़े तो कहीं गिरे होंगे, उसका विडियो कहाँ है।

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