जहाँ मुस्लिम समाज नमाज पढ़ता है, वो विवादित ढाँचे के तहखाने की छत है। इसीलिए अवैध कब्जे के खिलाफ वाद पर सुनवाई चलनी चाहिए और इस पर आपत्ति जताने वाले याचिका को ख़ारिज किया जाए।
हिंदू पक्ष ने वाराणसी की उस अदालत में 351 वर्ष एक महत्वपूर्ण कागज जमा कराया। इसके अनुसार, फरमान जारी किया था कि वो अपनी इच्छा से 'काफिरों के मंदिर और विद्यालय ध्वस्त कर दें।
एक तरफ है करीब 1000 साल से चल रहा छल, प्रपंच और जोर। दूसरी तरफ है हिंदुओं का वह नैतिक बल, जिसका पहला पड़ाव सोमनाथ का पुनरुद्धार था। वह भारतीय चेतना, जिसकी अप्रतिम ऊर्जा अयोध्या है। वह सनातनी संस्कृति, जिसका प्रकाश पुंज मथुरा-काशी है।
अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के शिलान्यास के बाद से ही काशी और मथुरा का मुद्दा भी गरमाता नजर आ रहा है। लोगों की निगाहें अब काशी विश्वनाथ मंदिर के फैसले पर टिकी हुई है।
अयोध्या में भूमिपूजन करवाने वाले आचार्य पंडित गंगाधर पाठक ने पीएम मोदी से दक्षिणा में काशी-मथुरा की मुक्ति और गोहत्या पर पाबंदी के लिए कानून की मॉंग की है।
यह तो पहली झाँकी है, मथुरा-काशी बाकी है। ये नारा तो बहुत बाद में बुलंद हुआ। उससे बरसों पहले तीन दोस्तों ने अयोध्या के साथ-साथ इन दो हिंदू पवित्र स्थलों को वापस पाने का एक विस्तृत खाका तैयार कर लिया था।