Friday, October 4, 2024
Homeदेश-समाजशिव भक्तों को काशी मिले-कृष्ण भक्तों को मथुरा, गोहत्या पर रोक के लिए बने...

शिव भक्तों को काशी मिले-कृष्ण भक्तों को मथुरा, गोहत्या पर रोक के लिए बने कानून: यजमान मोदी से माँगी दक्षिणा

आचार्य गंगाधर ने कहा यह मेरे लिए सौभाग्य की बात थी कि मेरे यजमान प्रधानमंत्री मोदी हैं। अपने यजमान से दक्षिणा की माँग करना अपराध नहीं है। ट्रस्ट के लोगों ने मौके पर माहौल को देखते हुए मुझे दक्षिणा की माँग करने से मना कर दिया था। इसलिए मैंने भी उनसे इशारों में दक्षिणा माँगी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त को अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर की नींव रखी। मंदिर का भूमि पूजन कराने वाले आचार्य पंडित गंगाधर पाठक ने इस बारे में कई बातें कही है। उनकी बातों में सबसे ज़्यादा उल्लेखनीय था प्रधानमंत्री मोदी से दक्षिणा का निवेदन।

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को यजमान बताते हुए कहा कि अपने यजमान से दक्षिणा की माँग करना गलत नहीं होता है। आचार्य गंगाधर पाठक ने दक्षिणा में गोहत्या पर पाबंदी और काशी तथा मथुरा की मुक्ति की माँग रखी।

आचार्य गंगाधर ने कहा यह मेरे लिए सौभाग्य की बात थी कि मेरे यजमान प्रधानमंत्री मोदी हैं। अपने यजमान से दक्षिणा की माँग करना अपराध नहीं है। ट्रस्ट के लोगों ने मौके पर माहौल को देखते हुए मुझे दक्षिणा की माँग करने से मना कर दिया था। इसलिए मैंने भी उनसे इशारों में दक्षिणा माँगी थी। लेकिन अब मैं यह बात खुल कर कहना चाहता हूँ। यह मेरे लिए एक विलक्षण अनुभव था, इसकी व्याख्या नहीं की जा सकती है।    

उन्होंने कहा कि वह केवल प्रधानमंत्री ही नहीं, बल्कि एक सात्विक पुरुष भी हैं। काफ़ी प्रसन्नता हुई, लोकतांत्रिक देश का प्रधानमंत्री सनातन परंपरा का निर्वहन कर रहा है। यह वाकई खुशी की बात है। दक्षिणा के सवाल का जवाब देते हुए पंडित गंगाधर ने कहा मैं प्रधानमंत्री से नहीं बल्कि अपने यजमान से दक्षिणा की अपेक्षा रखता हूँ। प्रधानमंत्री से तो वेतन लिया जाता है, मैं प्रधानमंत्री रूपी अपने यजमान से दक्षिणा की अपेक्षा रखता हूँ।   

मेरा उनसे निवेदन है कि भारत में गोहत्या बंद हो। प्रधानमंत्री जल्द गोहत्या पर पाबन्दी से जुड़ा कानून बनाएँ और इसे लागू करें। गौहत्या से देश की धरती दूषित हो जाती है। प्रधानमंत्री ने कई बड़े काम किए हैं। जो काम असंभव नज़र आते थे उन्होंने अपने कार्यकाल में ऐसे काम भी पूरे किए हैं। अगर वह देश में गोहत्या बंद करवाते हैं तो मेरे लिए यही सबसे बड़ी दक्षिणा होगी। इसके अलावा वह श्री कृष्ण जन्मभूमि और काशी विश्वनाथ को मुक्त करवाएँ। इन दोनों दिव्य स्थानों से अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए।   

इसके बाद उन्होंने भूमि पूजन के बारे में भी कई बातें कहीं। उन्होंने कहा समारोह के दौरान भारत के मूर्धन्य व्यक्ति मौजूद थे। पूजन समारोह पूरे विधि-विधान से किया गया था और 22 विद्वान इसका हिस्सा बने थे। मौके पर उपस्थित लगभग हर व्यक्ति ने स्वेच्छा और श्रद्धा से भरपूर दान किया। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि नई शिलाओं का पूजन किया गया। वहाँ कुल 9 शिलाएँ थीं जिनका पूजन किया गया।   

कुछ शिलाएँ हीरे और पन्ने की भी थीं और इनका प्रयोग भगवान के गर्भ गृह में होगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी भी अपने साथ एक कलश लेकर आए थे। उस कलश में क्या था इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं थी। उन्होंने खुद इस बारे में प्रधानमंत्री से पूछना उचित नहीं समझा। जानकारी के मुताबिक़ वह प्रधानमंत्री मोदी की गुप्त संकल्पना थी। उस कलश की स्थापना आचार्य ने खुद कराई थी।           

मुहूर्त पर अपना पक्ष रखते हुए आचार्य गंगाधर ने कहा उनकी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविन्द गिरी से इस बारे में बात हुई थी। उनके अनुरोध पर करीब एक महीने पहले शास्त्र सम्मत होकर 5 अगस्त पर स्वीकृति बनी थी। लेकिन इसकी जानकारी सार्वजनिक होने पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने आपत्ति जताई।   

वह पूरे देश के आराध्य हैं लेकिन तिथि तय हो चुकी थी। नतीजतन मुझे उनकी बातों का खंडन करना पड़ा। वह खुद चलने में सामर्थ्यवान नहीं है ऐसे में स्वाभाविक है कि उनके आस-पास मौजूद लोगों ने उन्हें उकसाया हो।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

शौहर पाकिस्तानी, बीवी बांग्लादेशी… कर्नाटक में हिंदू नाम रख YouTube पर देता था इस्लामी ज्ञान, गाजियाबाद में रामलीला करने वाले 3 मुस्लिम गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश और कर्नाटक की दो अलग-अलग घटनाओं ने एक बार फिर अवैध प्रवासियों और मजहबी पहचान छिपाकर भारत में रहने वालों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

हर महीने पैसा, इश्योरेंस और बोनस भी: युवाओं के लिए केंद्र ने शुरू किया PM Internship Scheme, जानिए कौन कर सकते हैं अप्लाई

देश के युवाओं के भविष्य को सँवारने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नई स्कीम लॉन्च कर दी है। इस योजना का नाम पीएम इंटर्नशिप योजना है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -