पीएम मोदी ने कार्यक्रम के श्रोताओं को इसके असली सूत्रधार बताया और कई प्रेरणादायक कहानियों का उल्लेख किया, जिनमें झाँसी की नीलम और पुडुचेरी की रम्या शामिल थीं।
मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोजेक्ट परी का भी जिक्र किया। उन्होंने प्रोजेक्ट परी के बारे में बताते हुए कहा कि इसका मतलब 'पब्लिक आर्ट ऑफ इंडिया' है।
PM मोदी ने तमिल लेखिका शिवशंकरी का जिक्र किया, जो पूरे भारत भर में घूम कर अन्य भाषाओं के साहित्य का अनुवाद कर रही हैं। AK पेरुमल के बारे में बताया, जो लोक कलाओं पर 100+ किताबें लिख चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को आधुनिक बनाने में युवा पीढ़ी की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। उन्हें विश्वास है कि भारत में यह दशक न सिर्फ़ युवाओं के विकास का होगा, बल्कि युवाओं के सामर्थ्य से देश का विकास करने वाला भी साबित होगा।
मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साबित कर दिया कि देश में शांति, एकता और सद्भावना के मूल्य सर्वोपरि हैं। फ़ैसला आया तो पूरे देश ने उसे दिल खोलकर गले लगाया। पूरी सहजता और शांति के साथ स्वीकार किया।
"सितंबर 2010 में जब राम जन्मभूमि पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। जरा उन दिनों को याद कीजिए, कैसा माहौल था। भाँति-भाँति के कितने लोग मैदान में आ गए थे। कैसे-कैसे 'इंटरेस्ट ग्रुप' उस माहौल का अपने-अपने तरीके से फायदा उठाने के लिए खेल खेल रहे थे....."
पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि भारत के प्रथम गृह मंत्री के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल ने रियासतों को एक करने का एक बहुत बड़ा भगीरथ और ऐतिहासिक काम किया। सरदार वल्लभभाई पटेल की ये ही विशेषता थी जिनकी नज़र हर घटना पर टिकी थी।