न तो बलात्कार की समस्या को पहली बार उठाया गया है, न पिता-पुत्री के रिश्ते को पहली बार उकेरा गया है, न ही पुलिस के कामकाज के तरीके पर ये पहला कटाक्ष है। फिर भी 'महाराजा' ताज़ा हवा का झोंका है।
'हनुमान' एक ऐसी फिल्म है जिसे देख कर इसे बनाने वालों की श्रद्धा झलकती है। ऐसी फ़िल्में बनाने के लिए सैकड़ों करोड़ रुपए नहीं, भाव चाहिए। बॉलीवुड ने जिन पौराणिक कथाओं एवं किरदारों को नज़रअंदाज़ किया, साउथ सिनेमा अब उन्हीं को दुनिया के सामने ला रहा।
कंगना रनौत की 'तेजस' में सिर्फ हवाई युद्ध ही नहीं, बल्कि परिवार, प्रेम और संघर्ष भी है। लेकिन, आतंकवाद के आते शांति मातम में बदल जाती है। फिर जो होता है, वहीं 'तेजस' की हाइलाइट है।
जवान में इकलौता चमकता चेहरा नयनतारा का है, जिसका इस्तेमाल शाहरुख के बूढ़े स्टारडम को बचाने में किया गया है। बाकी क्या वाहियात प्लॉट है और क्या ही कहानी।
भाईचारा वाले कुछ डायलॉग्स को छोड़ दें तो 'ग़दर 2' अच्छी बन पड़ी है। सनी देओल 67 की उम्र में भी लोहा मनवाते हैं। उत्कर्ष शर्मा की रीलॉन्चिंग फेल है। सीटियों-तालियों-नारों के लिए सटीक फिल्म है।
क्या हस्तमैथुन इतना बड़ा विषय है कि भगवान शिव को हस्तक्षेप करना पड़ जाए? 'OMG 2' से सन्देश दिया गया है कि सड़क पर सेक्स की बातें होनी चाहिए। पुजारी के परिवार में ही यौन शोषक दिखाने वाले मौलवी-पादरी को लेकर ऐसी हिमाकत करेंगे?