INS कोलकाता और उड़ते हुए राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट के फ्लाइंग लीडर के बीच हुई बातचीत का वो हिस्सा आप भी सुन सकते हैं, जिससे हर भारतवासी को गर्व की अनुभूति होगी।
एक अहम बयान देते हुए राफेल सौदे के वक्त फ्रांस के रक्षा मंत्री रहे ली ड्रायन ने ये साफ़ कर दिया है कि इस मामले में उनपर किसी भी प्रकार का कोई दबाव नहीं था।