इस ड्रोन को सीडी स्पेस रोबॉटिक्स लिमिटेड नाम की एक फ़र्म ने बनाया था और इसके मालिक निखिल उपाधे हैं जो आईआईटी कानपुर के छात्र रह चुके हैं। उपाधे के अनुसार, “हमने जो ड्रोन बनाए हैं उनमें कूलिंग किट के साथ-साथ आपातकालीन दवाओं और ब्लड यूनिट को ट्रांसपोर्ट करने की क्षमता है।”
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार 5G का प्रयोग विकासोन्मुखी कार्यों के लिए करने का पूरा प्रयास करेगी। उन्होंने बताया कि इस तकनीक का प्रयोग वंचित वर्गों और ग्रामीणों के हित में होगा। साथ ही उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के जनहितकारी कार्यों के लिए 5G तकनीक का इस्तेमाल करने की बात कही।
टेलिस्कोप का निर्माण इसी वर्ष प्रारंभ हो जाने की आशा है। साथ ही यह जानकारी भी दी कि भारत न केवल टेलिस्कोप के कंट्रोल सिस्टम और सॉफ्टवेयर बल्कि उपकरणों के विकास में भी महती भूमिका निभाएगा।
इस स्मार्ट पोल उपक्रम के ज़रिए बीएसएनएल 5G की दौड़ में शायद सबसे आगे निकाल गया है। यह पोल्स बीएसएनएल को 5G व इन्टरनेट-ऑफ़-थिंग्स (IoT) के लिए तैयार करेंगे।