Friday, January 17, 2025
Homeविविध विषयविज्ञान और प्रौद्योगिकीपहाड़ों में ड्रोन का कमाल, 100 Km/h की रफ्तार से पहुँचाया ब्लड सैंपल

पहाड़ों में ड्रोन का कमाल, 100 Km/h की रफ्तार से पहुँचाया ब्लड सैंपल

टिहरी अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा, "यह एक सफल परीक्षण था। अस्पताल 30 किमी दूर था, लेकिन ब्लड 18 मिनट के भीतर पहुँचाया गया। यह दूरदराज़ के क्षेत्रों में रोगियों के लिए मददगार साबित होगा।"

एक मानव रहित विमान (ड्रोन) ने एक इतिहास रच दिया है। ड्रोन के माध्यम से शुक्रवार (7 जून) को टिहरी ज़िले के एक दुर्गम स्थान से 30 किलोमीटर दूर ख़ून के नमूने सफलतापूर्वक पहुँचाए गए। यह प्रयोग एक अनूठे प्रयोग के रूप में हमेशा यादगार रहेगा। इसकी सफलता से ग्रामीण इलाक़ों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धियों में क्रांति आ सकती है। न्यूज़ एजेंसी ANI के अनुसार, ड्रोन ने नंदगाँव और टिहरी के बीच लगभग 18 मिनट में 30 किमी की दूरी तय की। इसका मतलब है कि ड्रोन लगभग 100 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से यात्रा करने में सक्षम था।

टिहरी अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा, “यह एक सफल परीक्षण था। अस्पताल 30 किमी दूर था, लेकिन ब्लड 18 मिनट के भीतर पहुँचाया गया। यह दूरदराज़ के क्षेत्रों में रोगियों के लिए मददगार साबित होगा।” उन्होंने बताया कि यह प्रयोग सुदूर क्षेत्रों में रक्त की आपूर्ति को अनुकूल बनाने के तरीकों की खोज के लिए किया गया था।

ख़बर के अनुसार, सड़क मार्ग से इन ब्लड सैंपल को अस्पताल तक पहुँचाने में जितना समय लगता उससे बहुत कम समय में ड्रोन ने यह कमाल कर दिखाया। ज़िला अस्पताल के चीफ़ मेडिकल सुपरिन्टेंडेंट डॉ. एस एस पंगती ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया कि यह प्रयोग डिहरी गढ़वाल में चल रहे टेलि-मेडिसिन प्रोजेक्ट का एक हिस्सा था। उन्होंने कहा, “ड्रोन ने नंदगाँव पीएचसी से बुराड़ी हॉस्पिटल तक की 36 किलोमीटर की दूरी महज 18 मिनट में पूरी की, जबकि सड़क के जरिए यहाँ तक पहुँचने में 70 से 100 मिनट तक लगते हैं। ड्रोन में ब्लड सैंपल के अलावा एक कूलिंग किट भी थी ताकि सैंपल ख़राब न हो जाएँ।”


यह प्रयोग टेलि-मेडिसिन प्रोजेक्‍ट का एक हिस्‍सा था (तस्वीर सौजन्य: ANI)

ड्रोन में ब्‍लड सैंपल के अलावा एक कूलिंग किट भी थी (तस्वीर सौजन्य: ANI)

जानकारी के अनुसार, इस ड्रोन को सीडी स्पेस रोबॉटिक्स लिमिटेड नाम की एक फ़र्म ने बनाया था और इसके मालिक निखिल उपाधे हैं जो आईआईटी कानपुर के छात्र रह चुके हैं। उपाधे के अनुसार, “हमने जो ड्रोन बनाए हैं उनमें कूलिंग किट के साथ-साथ आपातकालीन दवाओं और ब्लड यूनिट को ट्रांसपोर्ट करने की क्षमता है।” उन्होंने बताया कि एक ड्रोन को बनाने में क़रीब 10 लाख रुपए का ख़र्च आने का अनुमान है। साथ ही उन्होंने इस बात की जानकारी भी दी कि आने वाले कुछ हफ़्तों में आपातकालीन दवाओं को इसी तरह भेज कर ट्रायल रन किया जाएगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कठमुल्ला’ पर जस्टिस शेखर यादव ने नहीं माँगी माफी, कहा- संविधान के अनुरूप था बयान: VHP के कार्यक्रम में जाने पर पीछे पड़ गए...

जस्टिस शेखर यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि उनका संबोधन संविधान में निहित मूल्यों के अनुरूप था। उन्होंने न्यायपालिका से अपने संरक्षण की माँग की है।

‘चाहे तो नजरबंद कर लो, लेकिन बेल दे दो’… कोर्ट में गिड़गिड़ाया आतंकी अबूबकर, PFI का था सरगना: सुप्रीम कोर्ट ने भगाया, कहा –...

सुप्रीम कोर्ट ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सरगना रहे अबू बकर को मेडिकल ग्राउंड पर बेल देने से इनकार कर दिया।
- विज्ञापन -