एक मानव रहित विमान (ड्रोन) ने एक इतिहास रच दिया है। ड्रोन के माध्यम से शुक्रवार (7 जून) को टिहरी ज़िले के एक दुर्गम स्थान से 30 किलोमीटर दूर ख़ून के नमूने सफलतापूर्वक पहुँचाए गए। यह प्रयोग एक अनूठे प्रयोग के रूप में हमेशा यादगार रहेगा। इसकी सफलता से ग्रामीण इलाक़ों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धियों में क्रांति आ सकती है। न्यूज़ एजेंसी ANI के अनुसार, ड्रोन ने नंदगाँव और टिहरी के बीच लगभग 18 मिनट में 30 किमी की दूरी तय की। इसका मतलब है कि ड्रोन लगभग 100 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से यात्रा करने में सक्षम था।
Uttarakhand: Blood sample was sent from Dist Hospital,Nandgaon to Dist Hospital,Tehri through a drone, y’day. Dr in Tehri hospital says, “It was a successful trial run. Hospital was 30 km away but blood was transported within 18 min. It’ll be helpful for patients in remote areas” pic.twitter.com/DSntXXThlS
— ANI (@ANI) June 8, 2019
टिहरी अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा, “यह एक सफल परीक्षण था। अस्पताल 30 किमी दूर था, लेकिन ब्लड 18 मिनट के भीतर पहुँचाया गया। यह दूरदराज़ के क्षेत्रों में रोगियों के लिए मददगार साबित होगा।” उन्होंने बताया कि यह प्रयोग सुदूर क्षेत्रों में रक्त की आपूर्ति को अनुकूल बनाने के तरीकों की खोज के लिए किया गया था।
ख़बर के अनुसार, सड़क मार्ग से इन ब्लड सैंपल को अस्पताल तक पहुँचाने में जितना समय लगता उससे बहुत कम समय में ड्रोन ने यह कमाल कर दिखाया। ज़िला अस्पताल के चीफ़ मेडिकल सुपरिन्टेंडेंट डॉ. एस एस पंगती ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया कि यह प्रयोग डिहरी गढ़वाल में चल रहे टेलि-मेडिसिन प्रोजेक्ट का एक हिस्सा था। उन्होंने कहा, “ड्रोन ने नंदगाँव पीएचसी से बुराड़ी हॉस्पिटल तक की 36 किलोमीटर की दूरी महज 18 मिनट में पूरी की, जबकि सड़क के जरिए यहाँ तक पहुँचने में 70 से 100 मिनट तक लगते हैं। ड्रोन में ब्लड सैंपल के अलावा एक कूलिंग किट भी थी ताकि सैंपल ख़राब न हो जाएँ।”
जानकारी के अनुसार, इस ड्रोन को सीडी स्पेस रोबॉटिक्स लिमिटेड नाम की एक फ़र्म ने बनाया था और इसके मालिक निखिल उपाधे हैं जो आईआईटी कानपुर के छात्र रह चुके हैं। उपाधे के अनुसार, “हमने जो ड्रोन बनाए हैं उनमें कूलिंग किट के साथ-साथ आपातकालीन दवाओं और ब्लड यूनिट को ट्रांसपोर्ट करने की क्षमता है।” उन्होंने बताया कि एक ड्रोन को बनाने में क़रीब 10 लाख रुपए का ख़र्च आने का अनुमान है। साथ ही उन्होंने इस बात की जानकारी भी दी कि आने वाले कुछ हफ़्तों में आपातकालीन दवाओं को इसी तरह भेज कर ट्रायल रन किया जाएगा।