Thursday, April 25, 2024

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बचपन में पिता का साया उठा, माँ ने किया लालन-पालन: जानिए कौन हैं शीना रानी, जिनके नेतृत्व में अग्नि-5 का हुआ सफल परीक्षण

अग्नि-5 मिसाइल को विकसित करने में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की वैज्ञानिक शीना रानी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

जिस काम के लिए NASA ने लगाए ₹1565 करोड़, उसे ISRO ने ₹250 करोड़ में कर दिखाया: XPoSAT सैटेलाइट करेगी ब्लैक होल के साथ...

ISRO ने XpoSAT सैटेलाइट ₹250 करोड़ में बनाया है जबकि NASA ने ऐसा ही सैटेलाइट 2021 में ₹1565 करोड़ में बनाया था।

2024 की पहली सुबह इसरो ने भरी XPoSat उड़ान, पृथ्वी की कक्षा में सैटेलाइट स्थापित: न्यूट्रॉन तारों और ब्लैक होल का खोलेगा राज

भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संसथान (ISRO) ने 1 जनवरी, 2024 को सुबह 9:10 बजे अपने रिसर्च सैटेलाईट XPoSAT सैटेलाईट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।

अभिनेत्री रश्मिका मंदाना से लेकर कई हस्तियाँ हो चुकी हैं DeepFake की शिकार: जानिए ये AI तकनीक कितनी चिंताजनक और इससे बचाव के लिए...

DeepFake वैश्विक चुनौती बन गया है, जो राजनेताओं से लेकर प्रमुख व्यक्तियों एवं संस्थाओं तक के लिए समस्या बन गया है।

बिहार में मिला सोने का अकूत भंडार! पहुँच गई वैज्ञानिकों की टीम, गाँव के ऊपर मँडराने लगे हेलीकॉप्टर

बिहार के बांका में 6 महीने के बाद GSI की टीम एक बार फिर सोने की खदान का पता लगाने के लिए पहुँची है। इलाके का अध्ययन किया जा रहा है।

देश में पहली बार मेमोरी चिप्स का उत्पादन: ‘सहस्र’ ने ‘मेक इन इंडिया’ के लिए किया ₹350 करोड़ का निवेश, सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में...

भारत की पहली सेमीकंडक्टर उत्पादन कंपनी होने का गौरव प्राप्त किया है 'सहस्र सेमीकंडक्टर्स' ने। इस कंपनी ने चिप्स का उत्पादन भी शुरू कर दिया है।

केमिस्ट्री में नोबेल पुरस्कार की घोषणा: क्वांटम डॉट्स की खोज के लिए मौंगी जी बावेंडी, लुईस ई ब्रूस और एलेक्सी आई को संयुक्त रूप...

रॉयल स्वीडिश अकादमी ने वर्ष 2023 के लिए रसायन विज्ञान के लिए नोबल पुरस्कार का ऐलान कर दिया है, यह तीन वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से मिला है।

राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन: भारत को विश्व महाशक्ति बनाने में मील का पत्थर, चीन-अमेरिका को प्रौद्योगिक प्रगति से देंगे टक्कर

अमेरिका, चीन जैसे देशों का उदाहरण हमारे सामने। राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन हमें इनको टक्कर देने वाली विश्व महाशक्ति बनाने में मददगार होगी।

चाँद पर रूस का लूना-25 क्रैश, पर क्या कर रहा है अपना चंद्रयान 3: विक्रम लैंडर से बोला चंद्रयान 2- स्वागत है

रूस, अमेरिका और चीन इन तीन देशों को चाँद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का मुकाम हासिल है। इसलिए भारत के चन्द्रयान मिशन के बहुत खास मायने है।

अंतरिक्ष के बाद अब समुद्र की गहराइयों में उतरेगा भारत, 6 किलोमीटर गहराई में जाने के लिए बनाया ‘MATSYA 6000’, वैज्ञानिक जाकर करेंगे अध्ययन

चंद्रयान-3 मिशन के साथ भारत अब समुद्र की गहराइयों में उतरेगा। समुद्र की पारिस्थितिकी तंत्र का अध्ययन करने लिए तीन लोगों को नीचे भेजा जाएगा।

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