महाकुंभ से पहले ठीक एक वर्ष पहले भी गाँधी परिवार ने स्पष्ट कर दिया था कि उनकी प्राथमिकताएँ क्या हैं। 500 वर्षों के संघर्ष के बाद हिन्दुओं को मिले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण कॉन्ग्रेस ने ठुकरा दिया था।
कॉन्ग्रेस पार्टी के भीतर उन नेताओं को अनदेखा किया जाता है जिन्होंने संगठन और देश के लिए अपना अहम योगदान दिया, लेकिन गाँधी परिवार के वफादार नहीं माने गए।
भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता पर एक किताब लिखी है। इसमें कॉन्ग्रेस और सोनिया गाँधी से जुड़े कई प्रकरण का जिक्र है।