गज सेवा समिति ने आरोप लगाया है कि हाथियों पर रोक लगाने की माँग करने वाले कथित एक्टिविस्ट हिन्दुओं की 2 हजार साल से अधिक पुरानी परमपराएं बंद करवाना चाहते हैं।
जस्टिस सूर्यकांत ने चेतावनी देते हुए कहा, "ये लोग नहीं जानते कि सुप्रीम कोर्ट का क्षेत्राधिकार कहाँ तक है... सुधर जाओ वरना हम जानते हैं कि आपसे कैसे निपटना है।"
केंद्र सरकार की तरफ से इस मामले में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के रुख का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी हाई कोर्ट या उसके जज कभी भी लोकपाल कानून, 2013 के दायरे में नहीं आ सकते।