व्हाट्सएप ने कहा है कि वह निजता की सुरक्षा को लेकर भारत सरकार की चिंता से सहमत हैं। मामले की गंभीरता को समझते हुए उसने कठोर क़दम उठाए हैं। उसकी पूरी कोशिश है कि किसी भी यूजर्स के डेटा के साथ खिलवाड़ ना हो।
कंपनी का कहना है कि फोन की घंटी बजने की अवधि कम करने से मिस्ड कॉल की संख्या बढ़ेगी। इससे किसी व्यक्ति को कॉल लगाने और साथ ही मिस्ड कॉल देखने के बाद वापस कॉल करने की संख्या भी बढ़ेगी। इससे ग्राहकों के अनुभव के साथ-साथ नेटवर्क की गुणवत्ता पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
इसमें कोई दोराय नहीं कि मोदी सरकार न रामराज्य है और न ही उसकी वैचारिक भिन्नता के चलते आलोचना करना गलत या आपराधिक है, पर वामपंथी समाचार पोर्टलों ने मोदी-विरोध और देश-विरोध में कोई अंतर ही नहीं छोड़ा है।