बिल के मुताबिक शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, निवास आदि 8 स्पष्ट क्षेत्रों में ट्रांसजेंडर लोगों के साथ भेदभाव करने को अपराध घोषित किया गया है। इसके अलावा ट्रांसजेंडर की परिभाषा भी इस अधिनियम में तय की गई है। इसके अनुसार ऐसे सभी व्यक्ति जिनका जेंडर (लिंग) उनके जन्म के जेंडर से मेल नहीं खाता, ट्रांसजेंडर की परिभाषा में आएँगे।
लखनऊ में लगभग 6,000 ट्रांसजेंडर रहते हैं, लेकिन उनमें से केवल 150 के पास ही उनके वोटर आईडी कार्ड हैं। लखनऊ किन्नर सोसाइटी की अध्यक्ष पायल का कहना है कि सिस्टम उनके खिलाफ धांधली करता है, जिससे उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन होता है।
पद्मश्री विभूषित नर्तकी नटराज नहीं चाहतीं कि उनकी कला को सहानुभूति के आधार पर सराहा जाए। उनका कहना है, “मैं आभारी हूँ कि मेरे गुण उन बाकी सभी चीज़ों के मुकाबले उभर कर निकल पाए, जिन्हें लोग गुणों के स्थान पर तलाश रहे थे।”