इसके अलावा 600 किलोग्राम वजनी एक और पीतल का घंटा एराल रामकृष्ण नादर बर्तन व्यापारी की दुकान पर तैयार की जा रही है। इसी तरह आंध्र प्रदेश और अन्य राज्यों से भी अयोध्या के राम मंदिर में घंटे लगाए जाएँगे।
अब अयोध्या एयरपोर्ट का नाम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के नाम पर किए जाने की तैयारी है। इसके साथ ही सरकार ने एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने की भी कवायद शुरू कर दी है। एयरपोर्ट का निर्माण 2021 तक पूरा करने की योजना है।
राम मंदिर की आधारशिला के लिए धरातल से करीब 200 फीट नीचे 1200 खंभे स्थापित किए जाएँगे। इन पिलरों का निर्माण पत्थरों से होगा और इसमें लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
"श्री रामजन्मभूमि मन्दिर का निर्माण भारत की प्राचीन निर्माण पद्धति से किया जा रहा है ताकि वह सहस्त्रों वर्षों तक न केवल खड़ा रहे, अपितु भूकम्प, झंझावात अथवा अन्य किसी प्रकार की आपदा में भी उसे किसी प्रकार की क्षति न हो।"