धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद भू-माफिया और बकरी चोरी के आरोपित मोहम्मद आजम खान पिछली सरकार में नगर विकास विभाग के मंत्री थे और वर्ष 2016-17 में हुई इन भर्तियों के समय जल निगम उन्हीं के विभाग के अधीन था।
“सांसद के साथ जेल में अच्छा व्यवहार किया जाता है। हम उन्हें जेल मैनुअल के हिसाब से ही सारी सुविधाएँ उपलब्ध करा रहे हैं। वे बड़े व्यक्ति हैं। वह घर जैसी सुविधा सोचते होंगे तो वह सुविधा जेलों में उपलब्ध नहीं हो सकती।”
पिछले साल भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने गंज कोतवाली में मोहम्मद आजम खान, अब्दुल्ला आजम और तजीन फातिमा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। साथ ही आरोप लगाया था कि अनुचित लाभ लेने के लिए सपा सांसद आजम खान और उनकी पत्नी तजीन फातिमा ने बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए।
अब्दुल्ला आजम स्वार से 2017 में विधायक चुने गए थे। बीते साल हाईकोर्ट ने उनके निर्वाचन को रद्द कर दिया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी।
सपा सांसद के रामपुर स्थित आवास पर पुलिस ने दबिश दी। नहीं मिलने पर कुर्की के नोटिस चिपका दिए। रिक्शे पर माइक रखकर बकायदा ऐलान किया गया कि आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला अदालत में हाजिर हों।
अब्दुल्ला रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से 2017 में चुनाव जीते थे। नवाब काज़िम ने हाई कोर्ट में उनके निर्वाचन को चुनौती दी थी। उनका कहना था कि 25 साल से कम उम्र होने के कारण अब्दुल्ला चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे।
यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा है। आजम और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 4 अप्रैल को रामपुर के स्वार टांडा में रोड शो कर रहे थे। आरोप है कि प्रचार की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी रोड शो किया गया था।
आजम खान पर मदरसे से किताबें और क्लब से शेर की मूर्तियाँ चुराने का भी आरोप है। अगस्त में उनके बेटे के रिसॉर्ट पर बुलडोजर चला था। यहॉं भी सिंचाई विभाग की ज़मीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण किया गया था।
अगर 100 साल के बूढ़े पेड़ पर डकैती के 100 मुकदमों की तस्वीर चस्पा कर दी जाएगी, तो वह टूट के गिर जाएगा। सपा सांसद ने चुनाव प्रचार की रैली में भावुक स्पीच देने के बाद कहा कि इस लड़ाई से वे न पीछे हट सकते हैं और न ही मैदान छोड़कर भाग सकते हैं।