इलाहाबाद हाई कोर्ट में झूठी साबित होने के बाद आयुषी पटेल ने अपनी याचिका भी वापस लेने का अनुरोध किया। कोर्ट ने NTA को छूट दी है कि वह आयुषी पटेल के खिलाफ नियमानुसार एक्शन ले।
इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस राहुल चतुर्वेदी और जस्टिस नंद प्रभा शुक्ला की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सबूत पेश करने की जिम्मेदारी सिर्फ आरोपित का ही नहीं है, बल्कि शिकायतकर्ता का भी है।
अदालत ने कहा कि धार्मिक विश्वास नागरिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं और धार्मिक विश्वासों को कमजोर करने या अपमानित करने का कोई भी कार्य धर्मनिरपेक्षता और सहिष्णुता का "गंभीर अपमान" है।