ASI ने कोर्ट को दी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ढाँचे में कोई ऐसी संरचनात्मक समस्या नहीं है इसलिए इसकी मरम्मत या फिर रंगाई करना जरूरी नहीं है। अब मामले में अगली सुनवाई 5 मार्च को होगी।
मस्जिद कमेटी का कहना है कि रमजान 1 मार्च से शुरू हो रहा है, इसलिए मस्जिद को तैयार करना जरूरी है। वे हर साल सफेदी, सफाई, मरम्मत और लाइटिंग का काम करते हैं।
कोर्ट ने माना कि यह मामला एक मामूली विवाद का परिणाम था, जब दोनों पक्षों ने साथ रहने की इच्छा को व्यक्त किया तो फैसला इसी तथ्य को आधार बनाकर सुनाया गया।