दोनों महिलाओं ने एनजीओ के शुरुआती समय में उसे आगे बढ़ाने में किए गए अपने प्रयासों और संघर्षों के बारे में बात की। किस प्रकार बिना सैलरी के भी उन्होंने इस एनजीओ के लिए काम किया। कभी-कभी उन्हें 6,000 रुपए मिले, जो पर्याप्त नहीं होते थे लेकिन फिर भी उन्होंने एनजीओ के लिए काम करना नहीं छोड़ा।