शुक्र मनाइए कि रामदेव बनिया बन गए तो कई मीडिया हाउस चल रहे हैं। जरा मीडिया कंपनी के मालिकों से पूछिए कि नोटबंदी के बाद रामदेव के विज्ञापन का सहारा न होता तो उनका क्या हुआ होता?
पतंजली ने कहा कि कोरोना किट, केवल ₹545 में उपलब्ध कराया जाएगा। रामदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस दवा ने 3-7 दिनों के भीतर '100% रिकवरी रेट' दिखाया है।
बाबा रामदेव ने दावा किया कि चिकित्सा, शिक्षा और अनुसन्धान में पतंजलि ने अब तक हज़ारों करोड़ की सहायता की है। इससे पहले बाबा रामदेव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी के साथ भी बैठक की। प्रधानमंत्री ने उनके अलावा अन्य कई बड़े संगठनों के लोगों से बातचीत कर उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली।
आध्यात्मिक नेता अक्सर फेक न्यूज के निशाने पर रहे हैं। इससे पहले, हाल ही में एक एक्टिविस्ट डॉक्टर ने किसी शख्स की गोपनीय मेडिकल रिपोर्ट को पोस्ट करते झूठा दावा किया था कि बाबा रामदेव का सहयोगी गाँजा पीता है।
NDTV की भ्रामक हेडलाइन देखकर, लोग बाबा रामदेव को अनाप-शनाप बोलने लगे। एक यूजर ने तो ये तक लिखा कि जहाँ कोरोना पीड़ित हैं, वहाँ पर बाबा को योग के लिए भेजना चाहिए। अब आखिर एनडीटीवी को यही सब तो चाहिए था! हेडलाइन के साथ खेल कर उसने प्रोपेगेंडा के अपने स्तर को बनाए रखा।
कम्पनी के सीईओ आचार्य बालकृष्ण के एक इंटरव्यू को ग़लत तरीके से पेश करते हुए सोशल मीडिया पर झूठ फैलाया जा रहा है। सबसे बड़ी बात तो ये कि इस काम में कॉन्ग्रेस पार्टी भी शामिल है। आइए, आपको बताते हैं कि मामला क्या है?