बाबा रामदेव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वे पतंजलि के शरबत का प्रचार करते हुए दिखाई दिए। इसी को देखने के बाद इस्लामी कट्टरपंथी उनपर भड़क गए।
उनका (डॉ RV अशोकन का) सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को कम करने का कभी कोई इरादा नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने जिस मामले में सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी, उसमें आईएमए भी एक पक्षकार था।