Sunday, November 17, 2024

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राहत इंदौरी

वाजपेयी के सेक्स पर शायरी: जिस अटल को विपक्षी भी करते प्रणाम, ‘घटिया’ शायर ने ठहाके के साथ उड़ाया था मजाक

"रंग चेहरे का ज़र्द कैसा है, आईना गर्द-गर्द कैसा है, काम घुटनों से जब लिया ही नहीं...फिर ये घुटनों में दर्द कैसा है" - राहत इंदौरी ने यह...

‘किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़े ही है’ के शायर राहत इंदौरी का निधन, इंटरनेट पर प्रशंसक सदमे में

मशहूर शायर राहत इंदौरी का कोरोना वायरस संक्रमण के कारण निधन हो गया है। उनका कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया था।

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राहत इंदौरी की मदद करने के निवेदन पर रमेश के एक सहयोगी ने तुरंत पीड़ित परिवार के फोन नंबर पर कॉल कर के उनसे बातचीत की और फिर उन्हें उचित मात्रा में राशन उपलब्ध कराया।

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उन्होंने कहा- मैं मर जाऊँ तो मेरी एक अलग पहचान लिख देना, लहू से मेरी पेशानी पे हिन्दुस्तान लिख देना। वे बोले- उठा शमशीर, दिखा अपना हुनर, क्या लेगा, ये रही जान, ये गर्दन है, ये सर, क्या लेगा...एक ही शेर उड़ा देगा परखच्चे तेरे, तू समझता है ये शायर है, कर क्या लेगा।

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रहत इंदौरी ने लिखा: "आजकल बिजली जाना आम हो गया है। आज भी पिछले 3 घंटों से बिजली नहीं है। गर्मी है, रमजान भी है। 'मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत् वितरण कम्पनी लिमिटेड' के इंदौर दफ्तर में कोई फोन नहीं उठा रहा है। कुछ मदद करें।"

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