ट्राइबल कम्युनिटी के छात्रों को 'सेमीकंडक्टर फेब्रिकेशन एन्ड कैरेक्टराइजेशन' की ट्रेनिंग दी जाएगी। IISc स्थित 'सेंटर फॉर नैनो साइंस एन्ड इंजीनियरिंग' ये कार्यभार सँभालेगा।
शोधकर्ताओं और डॉक्टरों ने दस वर्षों की मेहनत के बाद यह दवा बनाने में सफलता पाई है। इससे कैंसर का इलाज करवा चुके रोगियों में दोबारा कैंसर की संभावना भी कम करेगी और कीमोथैरेपी या रेडियोथैरेपी से होने वाले साइड इफेक्ट भी 50% कम करेगी।
ये ग्रांट साइंस और इंजीनियरिंग सेक्टर में काम कर रहे अलग-अलग व्यक्ति केंद्रित शोध के लिए दी जा रही है। इसके दो हिस्से हैं, जो संस्थानों के स्तर पर अलग-अलग किए गए हैं।