Friday, May 3, 2024
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फिर से दुनिया के सामने आया ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ : अमेरिका में भारतीय छात्र बना ‘ऑनलाइन गेम’ का शिकार, जानें- क्या है ये खूनी खेल

ब्लू व्हेल गेम को एक रूसी गेमर ने बनाया था। रूसी गेमर का नाम फिलिप बुडेकिन है, जिसने इसे साल 2013 में बनाया था। ब्लू व्हेल गेम को 'सुसाइडल गेम' या ब्लू व्हेल चैलेंज के नाम से भी जाना जाता है।

अमेरिका में पिछले माह एक भारतीय छात्र की मौत हो गई थी। जाँच के बाद पता चला है कि भारतीय छात्र ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ नाम के ऑनलाइन गेम का शिकार हुआ था, जो काफी समय बाद फिर से चर्चा में आया है। इस गेम पर बैन लगाया जा चुका है। कुछ साल पहले भी ये गेम खूब चर्चा में आया था, जब दुनिया के कोने-कोने से इस गेम के शिकार बच्चों और किशोरों की मौत की खबरें आने लगी। इस गेम का नाम सामने आने के बाद अधिकारी छात्र की जान जाने की घटना को ‘स्पष्ट तौर पर आत्महत्या’ के मान रहे हैं।

क्या है ब्लू व्हेल गेम?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्लू व्हेल गेम को एक रूसी गेमर ने बनाया था। रूसी गेमर का नाम फिलिप बुडेकिन है, जिसने इसे साल 2013 में बनाया था। ब्लू व्हेल गेम को ‘सुसाइडल गेम’ या ब्लू व्हेल चैलेंज के नाम से भी जाना जाता है। बताया जाता है कि इस गेम की वजह से भारत, चीन, अमेरिका और दुनिया के अन्य देशों में 130 से ज्यादा जानें जा चुकी हैं, तो हत्या की वारदातों को भी गेम के चैलेंज की वजह से अंजाम दिया गया है।

यह ऑनलाइन चुनौती खिलाड़ियों पर 50 दिनों तक आत्महत्या करने का दबाव डालती है। प्रत्येक दिन में एक “साहस” शामिल होता है जिसे फिल्माया जाना होता है और “सबूत” के रूप में साझा किया जाता है। ये साहस आसान (डरावनी फिल्में) शुरू होते हैं लेकिन आत्म-विनाश तक बढ़ जाते हैं।

ब्लू व्हेल गेम के फेर में अधिकतर युवा या किशोर उम्र के लोग फंसते हैं। शुरू में उन्हें छोटे-मोटे टास्क दिए जाते हैं, जो बाद में नशे के रूप में बदल जाता है। इसके बाद इस गेम को खेलने वाले युवा पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ता जाता है। कुल 50 दिनों का ये गेम चैलेंज अक्सर आत्महत्या या हत्या जैसे चैलेंज पर जाकर रुकता है।

इस गेम में एक क्यूरेटर होता है, जो खिलाड़ियों को अपने हिसाब से चलाया है। इस गेम में ब्लैकमेलिंग और साइबर बुलिंग जैसी चीजें भी शामिल हैं, जो खिलाड़ियों को गेम से बाहर नहीं जाने देती।। इस मामले में बुडेकिन को जब गिरफ्तार किया गया, तब उसने कम से कम 16 किशोरों को इस गेम के जाल में फंसाकर हत्या या आत्महत्या जैसे काम करने को उकसाया था। उसे इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी और जेल में ठूँस दिया गया था।

साल 2017 में आया था भारत में पहला मामला

भारत में ब्लू व्हेल गेम से मौत का पहला मामला जुलाई 2017 में सामने आया था। मुंबई में 14 साल के स्कूली छात्र मनप्रीत सिंह साहनी ने एक बिल्डिंग के सातवें फ्लोर से कूदकर अपनी जान दे दी थी। इसके बाद पश्चिम बंगाल में दसवीं कक्षा के छात्र की आत्महत्या का मामला सामने आया था, जिसमें छात्र के शव का चेहरा ब्लास्टिक बैग से ढंका हुआ था और रस्सी से बाँधा गया था। दिल्ली में एक पूर्व मंत्री के बेटे ने भी कूदकर जान दे दी थी, तो केरल में एक किशोर युवक ने ब्लू व्हेल चैलेंज पूरा करने के लिए फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने साल 2017 में एक एडवाइजरी जारी की थी और ब्लू व्हेल गेम को “आत्महत्या के लिए उकसाने वाला” करार देते हुए लोगों से इसे न खेलने की अपील की थी। अमेरिका में आए ताजे मामले से एक बार फिर से इस खौफनाक गेम की चर्चा शुरू हो गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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