बिहार के जमुई जिले में मंगलवार (5 मार्च 2014) को 2 बच्चों ने साँप को मार कर खा लिया। दोनों की पहचान मोहम्मद मुनाजिर और फहद अजीम के तौर पर हुई है। इन दोनों की उम्र लगभग 5 वर्ष बताई जा रही है। मुनाजिर और फ़हद को अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई है। बताया जा रहा है कि किसी तीसरे बच्चे ने इन दोनों को साँप खाने पर ताकत आने जैसे बातें कहकर बहकाया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला अमारी पंचायत में आने वाले गाँव खड़ूई का है। साँप खाने वाले दोनों बच्चों की माँ रूबी खातून ने बताया कि गाँव का एक ही बड़ा बच्चा कहीं से मरा हुआ साँप लेकर आया था। यह साँप जहरीली करैत प्रजाति का था। आरोप है कि बड़े बच्चे ने मुनाजिर और फहद को लालच दिया कि अगर वो मरे हुए साँप को खा लेते हैं तो उनकी बॉडी बन जाएगी और शरीर में ताकत आ जाएगी। इस लालच में दोनों बच्चे साँप को खाने के लिए तैयार हो गए।
बच्चों ने घर के पीछे आग जलाया और वहाँ साँप को भूना। फिर दोनों ने भुने हुए साँप को खाना शुरू कर दिया। इस बीच किसी ने इसके बारे में बच्चों के घर में इसकी जानकारी दे दी। घर वाले भागकर घटनास्थल पर पहुँचे। उन्होंने देखा कि आग में भुने साँप के कुछ हिस्से दोनों बच्चे खा चुके थे। शरीर में जहर फैलने की आशंका के चलते घर वाले दोनों बच्चों को अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने दोनों को प्राथमिक चिकित्सा दी। वहीं, साँप लाने वाले बच्चे ने उसे खाने से मना कर दिया।
मुनाजिर की नानी जहाना खातून ने आरोप लगाया है कि उसके नाती को साँप खाने की एवज में पैसे देने का भी लालच दिया गया था। दोनों बच्चों को साँप के मांस की गोलियाँ बनाकर खाने के लिए कहा गया था। कुछ देर की निगरानी के बाद दोनों बच्चों को अस्पताल में छुट्टी दे दी गई। सदर अस्पताल के डॉक्टर घनश्याम ने बताया कि फहद और मुनाजिर की हालत खतरे से बाहर है।