छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है कि सुन लोग दाँतों तले अंगुली दबा ले रहे हैं। दरअसल, एक पति ने अपनी पत्नी को घर भेजने की बात कहकर उसे गलत ट्रेन पर चढ़ा दिया। इस दौरान उसने अपनी पत्नी को ना ही टिकट कटाकर दिया और ना ही खर्च के लिए पैसे दिए। पत्नी लगातार तीन दिनों तक भूखी-प्यासी घूमती रही और इधर पति ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी।
जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के भिलाई स्थित मॉडल टाउन में रहने 27 साल के थान चौधरी का अपनी 37 वर्षीया पत्नी लक्ष्मी ध्रुव से किसी बात पर झगड़ा हो गया था। इसके बाद उसने अपनी पत्नी को उसके घर आगरा भेजने के लिए दुर्ग स्टेशन लेकर आया। उस वक्त स्टेशन पर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस खड़ी थी। उसने पत्नी को ट्रेन के AC कोच में बिना टिकट के चढ़ा दिया।
कहा जा रहा है कि थान चौधरी ने पत्नी को ट्रेन पर बैठाने के बाद अपने साढ़ू (पत्नी के बहनोई) को फोन करके बताया कि उसने ट्रेन में बैठा दिया है और आगरा ट्रेन से लेकर उसे अपने गाँव गुमानगढ़ी थाना सादाबाद जिला हाथरस पहुँचा आए। दूसरे दिन उसका जीजा लक्ष्मी को लेने गया, लेकिन वह नहीं आई। उसके बाद उसका जीजा ने थान को इसकी जानकारी दे दी।
इसके बाद थान चौधरी ने इसकी सूचना जीआरपी पुलिस को दी और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराकर खोजबीन शुरू कर दी। हालाँकि, जीआरपी पुलिस को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। इसी बीच रिपोर्ट लिखवाने के तीन दिन बाद महिला खुद दुर्ग स्टेशन के जीआरपी चौकी पहुँच गई और पुलिस को इसके बारे मे जो बताया, उसे सुनकर पुलिस भी चौंक गई।
महिला लक्ष्मी ध्रुव ने बताया कि उसका अपने पति थान सिंह से अक्सर विवाद होता रहता था। उसका पति उसे अक्सर घर पर छोड़ने की बात कहता था। महिला ने बताया कि 1 अप्रैल 2024 को भी ऐसा ही हुआ। उस दिन थान चौधरी उसे लेकर दुर्ग लेकर आया और छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के एसी कोच में बैठा दिया। उसके पास के ट्रेन का टिकट और पैसे भी नहीं थे। इससे वह हड़बड़ा गई।
महिला ने आगे बताया कि डोंगरगढ़ में उसका पर्स भी चोरी हो गया। इसमें उसके पति का मोबाइल नंबर भी था। पर्स चोरी होने के बाद उसके पास किसी का नंबर नहीं था और ना ही पैसे थे। यहाँ तक कि ट्रेन का टिकट भी नहीं था। इस तरह वह किसी से संपर्क भी नहीं कर पाई। ट्रेन जब डोंगरगढ़ पहुँची तो लक्ष्मी ट्रेन से उतर गई।
महिला ने बताया कि इस घटना से दुखी होकर वह डोंगरगढ़ में ही ठहरी रही। इस दौरान वह एक मंदिर ठहरी और वहाँ वह भूखे-प्यासे थी। इसके बाद वह किसी तरह दुर्ग लौटी है और जीआरपी से संपर्क किया। उसने अपने साथ किसी तरह का अपराध होना नहीं बताया है। यह महिला फिलहाल अपने घर दुर्ग वापस चली गई है।