2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा के सभी विरोधी दलों के एक साथ संगठित होने की अटकलों पर विराम लग गया है। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह के बयान के बाद अखिलेश यादव और मायावती ने भी महागठबंधन से किनारा कर लिया है।
बीते शुक्रवार को दिल्ली में मायावती के आवास पर दोनों नोताओं के बीच बातचीत हुई। इस बैठक के बाद इंडिया टुडे रिपोर्ट के मुताबिक इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि उत्तर प्रदेश में सपा 35 जबकि बसपा 36 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। इसके अलावा 4 सीटों पर आरएलडी चुनाव लड़ेगी जबकि 4 सीटों को अभी रिज़र्व में रखा गया है।
यही नहीं इस रिपोर्ट में इस बात की भी चर्चा है कि राहुल और सोनिया के ख़िलाफ़ अमेठी और रायबरेली की सीटों पर दोनों ही दलों की तरफ से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा जाएगा।
पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने एक इंटरव्यू के दौरान महागठबंधन को खारिज कर दिया था। इस इंटरव्यू में संजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और गोवा में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। इस तरह आम आदमी पार्टी की तरफ से यह बयान आने के बाद महागठबंधन पर संकट के बादल साफ़ दिख रहे हैं।
दिल्ली में सपा–बसपा के इस मीटिंग के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी को करारा झटका लगा है। तीन राज्यों में कॉन्ग्रेस द्वारा सत्ता में आने के बावजूद 2019 में मोदी लहर से अकेले पार पाना उसके लिए आसान नहीं होगा। भाजपा को रोकने के लिए राहुल गाँधी सभी नेताओं को एक मंच पर लाना चाहते थे। लेकिन मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह में मायावती, ममता और अखिलेश की अनुपस्थिति ने राहुल के आरमानों पर पानी फेर दिया था।