उत्तर प्रदेश की एटीएस ने अलीगढ़ से ISIS के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनका कनेक्शन दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़े गए शहनवाज और रिजवान जैसे आतंकियों के साथ है। यूपी एटीएस ने 3 नवंबर को सूचना के आधार पर केस दर्ज किया था, और जाँच के बाद छापेमारी कर दो अलग-अलग जगहों से दोनों आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आतंकियों के पास से ISIS और अलकायदा से जुड़ा साहित्य भी बरामद किया गया है।
यूपी एटीएस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, यूपी एटीएस को सूचना मिल रही थी कि कुछ लोग अलीगढ़ में आईएसआईएस की विचारधारा से प्रेरित होकर अन्य लोगों को भी प्रभावित कर रहे हैं। यूपी एटीएस ने ये भी बताया कि दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार आतंकियों के संबंध अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र संगठन स्टूडेंट्स ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (SAMU) से हैं। ये लोग आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित हैं। ऐसे में एटीएस ने जाँच का दायरा बढ़ाया और साक्ष्य जुटाकर अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया।
यूपी एटीएस ने बताया कि दोनों आतंकियों के पास से प्रिंटेड साहित्य, आईएसआईएस के प्रोपेगेंडा से भरी पेन ड्राइव व अन्य सामान बरामद हुए। इसके अलावा उनके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज से अनेक देश-विरोधी और आतंकी विचारधारा समर्थित कई ग्रुपों से जुड़ाव मिला है। इसमें आईएस के साथ ही ‘अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट’ का भी साहित्य सामिल है। यूपी एटीएस ने दोनों को 5 नवंबर को गिरफ्तार किया है। यूपी एटीएस ने दोनों को कोर्ट के सामने पेश किया और हिरासत में ले लिया। दोनों की पहचान अब्दुल्ला अर्सलान और माज़ बिन तारिक के रूप में हुई है।
बड़े आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा अब्दुल्ला अर्सलान और माज़ बिन तारिक
बता दें कि अक्टूबर माह की शुरुआत में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कई आतंकियों को दिल्ली से लेकर अलीगढ़ तक गिरफ्तार किया था। ये आतंकी आईएसआईएस का मॉड्यूल संचालित कर रहे थे। दिल्ली पुलिस के इस ऑपरेशन में पता चला था कि शहनवाज, रिजवान और अरशद नाम के आतंकी, जिसमें शहनवाज पुणे में यूएपीए केस में गिरफ्तारी के बाद से फरार था, वो उत्तरी भारत में आईएसआईएस का पूरा मॉड्यूल खड़ा कर रहे थे और दीपावली के त्योहार के समय कई जगहों पर धमाकों-हमलों की फिराक में थे।
शहनवाज ने गुजरात से लेकर यूपी, दिल्ली के कई महत्वपूर्ण जगहों की रेकी भी की थी। इतना ही नहीं, इन आतंकियों ने ट्रेनिंग सेंटर बनाने के लिए जमीन तक तलाश कर ली थी। इसी जाँच में खुलासा हुआ था कि ये आतंकी अलीगढ़ से लेकर प्रयागराज तक मदरसों और मौलानाओं के संपर्क में हैं। वो अपने जैसे लोगों की पूरी फौज खड़ी करने का मंसूबा बनाए हुए थे और बाकायदा उन्हें उनका हैंडलर इसके लिए मदद भी कर रहा था। इसी आईएसआईएस मॉड्यूल से जुड़े दोनों लोगों को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया है।
शहनवाज मूल रूप से झारखंड का रहने वाला है। वो पुणे जाकर आईएसआईएस से जुड़ गया था और ISIS का स्लीपर सेल तैयार कर रहा था। उसकी गैंग के तमाम सदस्य बम बना कर उसे पास के जंगलों में टेस्ट करने जाया करते थे। विस्फोट की साजिश को अंजाम देने के लिए शाहनवाज की गैंग को चोरी की बाइक की जरूरत थी। शाहनवाज के साथ इस नेटवर्क से जुड़े इमरान और युसूफ को जुलाई 2023 में बाइक चोरी करने के मिशन पर भेजा गया था लेकिन वो पुलिस द्वारा पकड़े गए। हालाँकि, शाहनवाज फरार होने में कामयाब रहा था। उस पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था और वो छिप कर रिजवान के पास दिल्ली में रह रहा था।
उसका साथी रिजवान प्रयागराज तक मदरसों और मौलानाओं के संपर्क में था। उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था। वो लखनऊ से पहले नैनी में रह रहा था और लखनऊ जाने के बाद भी उसका प्रयागराज आना जाना रहता था। वो कई मौलानाओं, मदरसों और मस्जिदों के संचालकों के संपर्क में था। इनके संबंधों को भी एजेंसियाँ खंगाल रही हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रिजवान, शाहनवाज उर्फ शैफी उज्जमा के साथ ही अरशद वारसी को भी गिरफ्तार किया था। ये तीनों दिवाली से पहले देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमलों की तैयारी कर रहे थे। उनके निशाने पर अयोध्या का राम मंदिर भी था, जिसकी ये रेकी भी कर चुके थे।